भारत के विभिन्न हिस्सों में मानसून सक्रिय हुआ है और अगले सप्ताह के दौरान भारी से बहुत भारी बारिश की आशंका व्यक्त की जा रही है। मौसम विशेषज्ञों ने पूरे देश में विशेषकर मध्य भारत, पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और कुछ दक्षिणी राज्यों के लिए अलर्ट जारी किया है। इसके अलावा, हिमालय की तलहटी वाले इलाकों में भी बारिश तेज हो सकती है, जिससे संभावित रूप से भूस्खलन और नदी-नाले ओवरफ्लो जैसी घटनाओं का जोखिम बढ़ सकता है।
मौसम के नए आंकड़ों के अनुसार, मानसून गतिविधियों के कारण मानसूनी हवाओं में तीव्रता दृष्टिगोचर हो रही है, जिससे पश्चिमी विक्षोभ और अन्य वायुमंडलीय डिप्रेशन बन रहे हैं। इसी के चलते बारिश के पैटर्न में अस्थिरता नजर आ रही है। कई जगहों पर रिकॉर्ड बारिश का अनुमान है, जबकि कुछ इलाकों में बाढ़ की आशंका को देखते हुए पहले से तैयारियों के निर्देश दिए गए हैं।
प्रभावित क्षेत्र और संभावित प्रभाव
-
बाढ़ का खतरा: नदी-नालों का जलस्तर लगातार बढ़ने की संभावना है। राज्यों में स्थानीय प्रशासन को अलर्ट मोड पर रहने के लिए कहा गया है।
-
भूस्खलन एवं सड़क अवरुद्धता: पहाड़ी व ऊँचे इलाके जैसे हिमाचल, उत्तराखंड, गरो-खासी, अरुणाचल आदि स्थानों में मलवा व चट्टानों के गिरने की सम्भावना रहती है। इससे सड़कों व ट्रैकों पर यात्रा प्रभावित हो सकती है।
-
खेती के लिए ख्यात लाभ: हालांकि किसान संघों की ओर से फसलों के लिए यह स्थिति उपयोगी बताई जा रही है, परंतु बिजली गिरने व तेज हवाओं ने नुक़सान भी पहुंचा सकते हैं।
-
यातायात एवं विद्युत आपूर्ति में व्यवधान: तेज बारिश और तेज हवाओं के बीच, छतों के क्षतिग्रस्त होने, पेड़ गिरने और विद्युत तार फटने जैसी शिकायतें बढ़ने की आशंका है।
मुख्य सलाह एवं सुरक्षा उपाय
-
बाढ़ प्रभावित इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित ऊँचाई वाली जगहों पर शिफ्ट रहने की सलाह दी जा रही है।
-
भारी बारिश के दिन यात्रियों से आग्रह है कि यात्रा टाल दें, विशेषकर पहाड़ी एवं नदी किनारे वाले मार्गों पर चलते समय।
-
किसान सावधान रहें — फवारियों, ट्रैक्टरों, अथवा खेतों में उपकरणों को पानी से दूर रखें।
-
स्थानीय प्रशासन, पंचायत, पुलिस व एनडीआरएफ, सीआरपीएफ टीमों को तैयार रहने एवं बचाव की सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश जारी किए गए हैं।
-
बिजली एवं दूरसंचार व्यवस्था को भी संभावित व्यवधानों को देखते हुए सतर्क रहने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
कब तक रहेगा अलर्ट?
हालिया मौसम रिपोर्ट के अनुसार मानसून की मौजूदा सक्रियता अगले एक सप्ताह यानी कि 12 जुलाई तक तेज रहने की संभावना है। इस दौरान मध्य बरसाती सिस्टम सक्रिय रहेगा और नियमित हिमालयी तलहटी व पहाड़ी कार्य प्रभावित हो सकते हैं।
सारांश में, पूरे देश की समर्पित मौसम एजेंसियों और प्रशासन ने अगले 7 दिनों के लिए भारी बारिश चेतावनी जारी की है। इससे संभावित बाढ़, यातायात व्यवधान, भूस्खलन और विद्युत बाधाओं का रास्ता साफ दिख रहा है। जनता, किसान, यात्रियों और स्थानीय प्रशासन को अपेक्षित सतर्कता बरतने की आवश्यकता है, ताकि कोई अप्रत्याशित घटना न हो एवं नुकसान न हो।