ब्राज़ील ने भारत की स्वदेशी आकाश मिसाइल प्रणाली में गहरी रुचि दिखाते हुए इसे अपनी वायु रक्षा क्षमताओं में शामिल करने की सम्भावना पर विचार शुरू कर दिया है। यह जानकारी विदेश मामलों के मंत्रालय के (ईस्ट) सचिव पी. कुमरण ने साझा की, जो प्रधान मंत्री मोदी के ब्रिक्स सम्मेलन से पहले हुई प्रेस वार्ता में सामने आई ।
ब्राज़ील रक्षा संरचना को मजबूत बनाने की दिशा में आगे बढ़ते हुए मध्यम-ऊँचाई वायु रक्षा प्रणालियों (Medium/High Altitude Air Defence) पर ध्यान दे रहा है। वहीं भारतीय DRDO विकसित आकाश मिसाइल, जिसकी सीमा लगभग 25–45 किमी और लक्ष्य ऊँचाई लगभग 20 किमी तक है, इसके लिए उपयुक्त विकल्प साबित हो सकता है । यह प्रणाली मोबाइल है और एक बैटरी अधिकतम 12 लक्ष्यों को एक साथ ट्रैक और भेद सकती है, जिसमें चार लॉन्चर्स और एक PESA‑3D राजेंद्र रडार शामिल है ।
ब्राज़ील की सेना के जनरल टोमस मिगुएल पायवा ने इस कमी की ओर संकेत देते हुए बताया कि देश के पास वर्तमान में केवल 3‑5 किमी तक की रेंज वाली प्रणाली हैं, जो घाटी और उच्च ऊँचाई वाले क्षेत्रों में अपर्याप्त साबित होती है । उन्होंने भारत के साथ एक गवर्नमेंट-टू-गवर्नमेंट सौदे की संभावना पर चर्चा की है, जिससे तकनीकी साझेदारी और भरोसे में वृद्धि हो सकती है ।
ब्राज़ील का मूल्यांकन प्रक्रिया नवंबर 2023 में RFQ (Request for Quote) जारी करने के साथ शुरू हुआ, और फरवरी 2024 में इसे विस्तार मिला। अब तक, आकाश तकनीकी पेशकश के लिहाज से प्रतिद्वंद्वी चीनी Sky Dragon‑50 के मुकाबले बेहतर और भरोसेमंद पाया गया है । इसके अलावा, Sky Dragon‑50 की तैनाती क्षमता भारत‑ब्राज़ील तकनीकी मेल‑जोल और क्षेत्रीय परिस्थितियों में सीमित दिखाई पड़ रही है।
आकाश मिसाइल का प्रदर्शन 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान अत्यधिक प्रभावशाली रहा, जब पाकिस्तान से आए ड्रोन और मिसाइल हमलों को सफलतापूर्वक रोक दिया गया। यह प्रदर्शन ब्राज़ील के लिए एक कड़ा मापदंड साबित हो सकता है।
इसके अलावा, यह संभावित सौदा 'मेक इन इंडिया' पहल को बढ़ावा देगा, जिससे दोनों देशों के बीच संयुक्त अनुसंधान, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और प्रशिक्षण साझेदारी का मार्ग प्रशस्त होगा । ब्राज़ील की विविध क्षेत्रीय परिस्थितियों — जैसे अमेज़न जंगल, पहाड़ी इलाकों और तटीय क्षेत्रों — में आकाश की त्वरित तैनाती इसकी सर्वोत्तम क्षमता साबित होगी ।
आकाश‑एनजी (नेक्स्ट जेनरेशन) का भी ब्राज़ील में परीक्षण-מन्च के तौर पर प्रदर्शन हो चुका है। अगस्त 2024 में एक ब्राज़ीलियन प्रतिनिधिमंडल ने भारत की यात्रा कर तकनीकी पहलुओं पर चर्चा की थी ।
ब्राज़ील की आकाश प्रणाली में रुचि भारत के रक्षा निर्यात और रणनीतिक साझेदारी की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह सौदा केवल एक मिसाइल प्रणाली का अनुबंध नहीं है, बल्कि दोनों देशों के बीच रक्षा तकनीकी सहयोग, औद्योगिक क्षमता और वैश्विक सुरक्षा दृष्टिकोण को मजबूती प्रदान कर सकता है।