दिल्ली सरकार ने 1 जुलाई 2025 से लागू हुए CAQM (Commission for Air Quality Management) के आदेश, जो 10 वर्ष से पुराने डीज़ल वाहनों और 15 वर्ष से पुराने पेट्रोल वाहनों को ईंधन न देने का निर्देश देता था, पर तीन दिन में ही वापस लेने का आग्रह किया है ।
🛑 मुख्य वजहें
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तकनीकी खामियां
ANPR (Automatic Number Plate Recognition) कैमरों में कई तकनीकी दिक्कतें सामने आईं — खराब सेंसर्स, स्पीकर सिस्टम की त्रुटियां और High Security Registration Plates (HSRP) न होने की वजह से पहचान तकनीक पूरी तरह भरोसेमंद नहीं रही ।
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क्षेत्रीय असमंजस
यह नियम केवल दिल्ली में लागू था, जबकि आसपास के NCR शहरों (गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद आदि) में नहीं। इससे वाहन चालक सीमापार जाकर ईंधन भरवा रहे हैं, जिससे यह कदम “एकतरफा”“और बेअसर” दिखाई दे रहा है ।
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आजीविका पर असर
परिवहन मंत्री मंजींदर सिरसा और सीएम रेखा गुप्ता दोनों ने स्पष्ट किया कि लाखों परिवार—जिनमें ऑटो, टेंपो, टैक्सी और डिलीवरी ड्राइवर शामिल हैं—की रोजगार की गाड़ी इसी निर्णय से प्रभावित हुई ।
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कानूनी पृष्ठभूमि और यथार्थ
यह नया “ईंधन प्रतिबंध” आदेश सुप्रीम कोर्ट (2018) और NGT (2015) के पुराने आयु-आधारित प्रतिबंधों का एक कार्यान्वयन था, लेकिन CAQM द्वारा सुनाए गए कड़े निर्देशों की सख्त रूप से तैयारी नहीं हो पाई ।
सरकार का रुख
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दिल्ली सरकार ने CAQM के चेयरमैन राजेश वर्मा को पत्र भेजकर आग्रह किया है कि इस आदेश को तत्काल स्थगित किया जाए, जब तक तकनीकी व सामाजिक रूप से पर्याप्त तैयारियां नहीं हो जातीं ।
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पर्यावरण मंत्री सिरसा ने कहा: “यह व्यावहारिक रूप से लागू नहीं हो पा रहा; हम चाहते हैं कि निर्णय प्रदूषण स्तर पर आधारित हो, केवल वाहन की उम्र पर नहीं” ।
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सीएम रेखा गुप्ता ने भी “साफ व टिकाऊ परिवहन” के पक्ष में फैसले की वकालत की, लेकिन साथ ही “लोगों की आर्थिक और सामाजिक जरूरतों” को भी ध्यान में रखा जाना ज़रूरी बताया ।
आगे का रास्ता
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सरकार विकल्प तैयार कर रही है जिनमें SMS आधारित पहले से सूचना देना, वाहन की फिटनेस और प्रदूषण पैमाने पर कार्रवाई करना शामिल है ।
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साथ ही सार्वजनिक परिवहन को मजबूत करना, ई-वाहनों को बढ़ावा देना और NCR के सभी हिस्सों में एकीकृत तकनीकी व्यवस्था लागू करने की योजनाएं भी चल रही हैं ।
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दिल्ली की यह नीति प्रदूषण नियंत्रण की दिशा में एक ठोस कदम थी, मगर पर्याप्त तकनीकी तैयारियों, क्षेत्रीय समन्वय और सामाजिक प्रभावों की उचित समीक्षा के बिना इसे तत्काल प्रभाव से लागू करना व्यावहारिक नहीं रहा। सरकार ने नागरिकों की चिंताओं को ध्यान में रखकर इसे फिलहाल टालने की अपील की है। अब यह CAQM पर है कि वे निर्णय वापस ले या फिर समयबद्ध और चरणबद्ध तंत्र लागू करने की संभावनाओं पर विचार करें।