3 जुलाई 2025 को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को एक घनिष्ठ और निर्णायक फोन कॉल की। इस लगभग एक घंटे तक चले वार्तालाप में ट्रम्प ने रुस-यूक्रेन संघर्ष को तुरंत समाप्त करने की अपील की, लेकिन पुतिन ने स्पष्ट कर दिया कि "यह युद्ध तब तक जारी रहेगा जब तक रूस के निर्धारित लक्ष्य पूरे नहीं हो जाते।"
🕊️ संधि की इच्छाशक्ति–फ़िर भी अडिग लक्ष्य
पुतिन ने कहा कि रूस एक राजनीतिक और बातचीत-आधारित हल चाहता है, लेकिन यह तभी संभव है जब "युद्ध के मूल कारणों" – जैसे यूक्रेन को NATO में शामिल होने की पूर्व स्थितियाँ – को ख़त्म किया जा सके । उन्होंने स्पष्ट किया कि ये लक्ष्य त्यागे नहीं जाएंगे। संदेश सीधा था: रूस द्वारा की गई सैन्य कार्रवाई केवल तभी रुकेगी जब उस राज्य की रणनीतिक चिंताओं का समाधान हो।
🤝 शांति के लिए झुकाव, लेकिन पूर्ण प्रत्यावर्तन नहीं
क्रेमलिन के सलाहकार यूरी उषाकोव के अनुसार, पुतिन ने ट्रम्प को शांति प्रक्रिया के लिए तैयार रहने का भरोसा भी दिया । हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कोई पथ-प्रदर्शक वापसी नहीं होगी और वार्ता सिर्फ रूसी-यूक्रेनी स्तर पर ही हो सकती है, बिना किसी पूर्व-उपाय या हथियार वापसी की शर्त पर।
🇺🇸 ट्रम्प की प्रतिक्रिया: “कोई प्रगति नहीं”
फोन कॉल के बाद ट्रम्प ने संवाद को निराशाजनक बताया: "मैं किसी भी तरह से आगे नहीं बढ़ा" और "इस युद्ध से मैं खुश नहीं हूँ" । यह उनका छठा सार्वजनिक रूप से घोषित कॉल है, लेकिन अब तक कोई ठोस शांति समझौता हासिल नहीं हो पाया।
🛑 हथियारों की सप्लाई रुकी, क्रोध भरा माहौल
इस वार्ता के ठीक पहले, अमेरिकी रक्षा विभाग ने यूक्रेन को कुछ महत्वपूर्ण हथियारों—जैसे एयर डिफेंस मिसाइल, GMLRS रॉकेट्स और गोलाबारूद—की आपूर्ति अस्थायी रूप से रोक दी थी क्योंकि देश में स्टॉक कम हो गए थे । यह कदम यूक्रेन को बड़ी मुश्किलों में डाल सकता है क्योंकि रूस ने हाल ही में लड़ाई तेज कर दी थी।
🌍 अन्य विषय: ईरान और मध्य-पूर्व
पुतिन और ट्रम्प ने वार्ता में इराक, सीरिया, ईरान और मध्य-पूर्व पर भी चर्चा की। क्रेमलिन ने पुष्टि की कि रूस चाहता है कि इन क्षेत्रों में मतभेद सिर्फ कूटनीतिक और राजनयिक तरीकों से सुलझें । पुतिन ने अमेरिका को हाल ही में ईरानी परमाणु तंत्रों पर हमले नापसंद बताते हुए उन्हें "कानून-विहीन" करार दिया।
🔍 विश्लेषण और परिणाम
इस बातचीत ने वैश्विक समुदाय के सामने दो विरोधाभासी रवैया दिखाए: एक ओर रूसी नेतृत्व साफ़ तौर पर अपनी यथास्थिति बनाए रखने पर अड़ा हुआ है, वहीं दूसरी ओर उसने वार्ता का एक द्वार भी खुला रखा है। ट्रम्प ने हथियार आपूर्ति रोकने पर चेतावनी भरा रुख दिखाया, किंतु गंभीर परिणाम अभी नहीं सामने आए।
इस कॉल ने यह दिखाया कि लड़ाई जारी रहेगी जब तक रूस को उसकी "मूल रणनीतिक सुरक्षा चिंताओं" का समाधान ना मिल जाए। दूसरी तरफ, ट्रम्प की "कोई प्रगति नहीं" वाली प्रतिक्रिया से स्पष्ट है कि फिलहाल संवाद के बावजूद कोई स्थायी समाधान नहीं मिल पाया।
यह फोन कॉल शांति की दिशा में एक प्रयोग हो सकता है, परंतु वर्तमान परिस्थिति में युद्ध जारी रहेगा क्योंकि रूस अपने रणनीतिक लक्ष्यों से पीछे हटने को तैयार नहीं। अब यह ट्रम्प प्रशासन, यूरोपीय साझेदारों और यूक्रेन के हाथ में है कि वे इस संवाद को शांति प्रक्रिया की दिशा में मोड़ने के लिए क्या पहल करते हैं।