पटना। 4 जुलाई 2025 को बिहार विधानसभा चुनाव से पहले, INDIA गठबंधन के नेता और विरोधी नेता तेजस्वी यादव चुनाव आयोग, पटना, के कार्यालय पहुंचे। वे “विशेष गहन मतदाता पुनरीक्षण” (Special Intensive Revision – SIR) के तहत सिर्फ 11 दस्तावेज स्वीकार किए जाने की प्रक्रिया पर स्पष्ट जवाब की मांग करने आए। साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि यदि यह प्रक्रिया संशोधन नहीं की गई और पारदर्शिता नहीं लाई गई, तो उनकी ओर से जन आंदोलन और चक्का जाम की तैयारी है।
उठाए गए सवाल
तेजस्वी ने कई महत्वपूर्ण सवाल आयोग के सामने रखे:
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11 दस्तावेज मान्यता: केवल 11 दस्तावेजों को मान्य करने का फैसला किस कानूनी या संवैधानिक आधार पर किया गया?
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गरीब और प्रवासी वर्ग को झटका: आधार कार्ड, राशन कार्ड, मनरेगा कार्ड जैसे व्यापक दस्तावेजों को अस्वीकार कर गरीब‑श्रमिक और प्रवासी मतदाताओं के अधिकारों का हनन क्यों हो रहा है?
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समय-सीमता: 8 करोड़ मतदाताओं का सत्यापन मात्र 25–30 दिनों में करना, जबकि पिछले पुनरीक्षण में 2 साल लग चुके थे, यह उचित कैसे माना जा सकता है?
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सतत अपडेट व पारदर्शिता: आयोग से पूछा गया कि क्या रियल‑टाइम डैशबोर्ड नहीं जारी किया जाएगा, जिससे हर दिन का सत्यापन डेटा आम जनता देख सके?
‘चक्का जाम’ की घोषणा
चुनाव आयोग से अपनी चिंताओं के बाद तेजस्वी यादव ने 9 जुलाई 2025 को बिहार में राज्यव्यापी चक्का जाम का ऐलान किया। उनका कहना है कि यह कदम उन कमजोर वर्गों के हित में उठाया गए धोखाधड़ीपूर्ण पुनरीक्षण के खिलाफ जन आंदोलन का हिस्सा होगा। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर आरोप लगाया कि वे इस पुनरीक्षण को राजनीतिक रूप से गरीब, दलित, अल्पसंख्यक और प्रवासी मतदाताओं की मताधिकार से वंचित करने की साजिश के रूप में उपयोग कर रहे हैं। 1
चुनाव आयोग का रुख
चुनाव आयोग ने इस प्रक्रिया को नियमित और योजनाबद्ध बताया है, जिसमें BLO कार्यालय स्तर पर भेजे गए फॉर्म, एसएमएस नोटिफ़िकेशन और ऑनलाइन संसाधनों के साथ सभी मतदाता शामिल किए जा रहे हैं। लेकिन गठबंधन का कहना है कि प्रक्रिया असमय और अव्यवहारिक है, विशेषकर मानसून के कारण खराब परिवहन और दूरदराज इलाकों में दस्तावेज जुटाने में लोगों को भारी परेशानी होने की आशंका है।
• तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग से जवाब मांगे कि सिर्फ 11 दस्तावेज क्यों स्वीकार्य हैं, क्या यह संवैधानिक है।
• अगर आयोग पारदर्शी नहीं हुआ और प्रक्रियाएँ सरल नहीं की गईं, तो 9 जुलाई को चक्का जाम होगा।
• आयोग ने इसे समयबद्ध कार्य बताया, लेकिन गठबंधन का आरोप है कि यह गरीब‑प्रवासी वंचितों की मताधिकार छीनने की साजिश है।