प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को त्रिनिदाद और टोबैगो का सर्वोच्च नागरिक सम्मान, Order of the Republic of Trinidad and Tobago (ORTT), प्रदान किया गया। यह सम्मान कुशल वैश्विक नेतृत्व, भारतीय मूल के समुदाय के साथ घनिष्ठ संबंध, और कोविड‑19 के दौरान मानवीय प्रयासों के लिए दिया गया है ।
स्वागत समारोह और सांस्कृतिक आदान‑प्रदान
मोदी को पियार्को अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर त्रिनिदाद की प्रधानमंत्री कमला पर्साद‑बिसेसर ने 38 मंत्रियों और सांसदों के साथ स्वागत किया। स्वागत समारोह में भोजपुरी चौताल और पारंपरिक पोशाकों की रंगीनी थी, जिससे दोनों देशों के समझ और सांस्कृतिक रिश्तों की गहराई उजागर हुई।
बिम्बित सांस्कृतिक संबद्धता
प्रधानमंत्री मोदी ने प्रवासी समुदाय को सम्बोधित करते हुए कहा कि उनकी बहुतायत में पूर्वज बिहार से आ चुके हैं, जिनका योगदान त्रिनिदाद एवं टोबैगो के विकास में अमूल्य रहा है । उन्होंने विशेष रूप से प्रधानमंत्री पर्साद‑बिसेसर का उल्लेख करते हुए उन्हें “बिहार की बेटी” कहा और साफ़ किया कि उनकी जड़ें बिहार के बक्सर जिले में हैं ।
मोदी ने कहा:
“बिहार की विरासत सिर्फ भारत के लिए नहीं, बल्कि विश्व के लिए गौरव का विषय है। लोकतंत्र, शिक्षा और कूटनीति में बिहार ने सदियों पहले नई दिशाएँ दी थीं।”
उन्होंने यह भी बताया कि भारतीय मूल के समुदाय ने राम मंदिर की नींव के लिए पवित्र जल एवं शिला भेजी, और उन्होंने भी सरोयू नदी का जल और राम मंदिर की एक प्रतिकृति त्रिनिदाद में साथ लाए ।
रणनीतिक पहल और ओसीआई का विस्तार
मोदी ने घोषणा की कि छठी पीढ़ी तक के त्रिनिदाद एवं टोबैगो के भारतीय मूल वाले नागरिक अब Overseas Citizenship of India (OCI) कार्ड के लिए पात्र होंगे, जिससे उनकी भारत से और मजबूत जुड़ाव संभव होगा ।
द्विपक्षीय सहयोग और वैश्विक साझेदारी
मोदी ने संसद में भी संबोधित करते हुए ऊर्जा, स्वास्थ्य, सुरक्षा, कृषि, और एआई जैसे क्षेत्रों में व्यापार एवं निवेश को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता व्यक्त की । साथ ही उन्होंने ग्लोबल साउथ की साझा ताकत पर जोर दिया और भारत–त्रिनिदाद सहयोग को “नए रणनीतिक साझेदारी” की नींव रखने वाला बताया ।
विरोध और विविध प्रतिक्रिया
यद्यपि हिंदू और बहुसंख्यक समुदाय ने मोदी के स्वागत का उत्सव मनाया, लेकिन देश के सबसे बड़े मुस्लिम संगठन ASJA ने इस सम्मान पर आपत्ति जताई, यह चेतावनी देते हुए कि मोदी के मानवाधिकार रिकॉर्ड पर प्रश्न बने हुए हैं ।
मोदी के त्रिनिदाद एवं टोबैगो भ्रमण के प्रमुख बिंदु:
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उन्हें ORTT सम्मान से नवाजा गया—पहले कोई भारतीय प्रधानमंत्री नहीं ।
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सांस्कृतिक मेलजोल—भोजपुरी चौताल, राम मंदिर प्रतीक, सोहरी पत्ते—दोनों देशों के सांस्कृतिक संबंधों को दर्शाते हैं ।
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“बिहार की बेटी” संबोधन और प्रवासी समुदाय के पूर्वजों का उल्लेख—स्थानीय भारतीय मूलदर्शियों के प्रति सम्मान और भावुक संबंध को रेखांकित करता है ।
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ओसीआई विस्तार से द्विपक्षीय जुड़ाव और कनेक्शन मजबूत हुआ।
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व्यापार, निवेश, वैश्विय सहयोग जैसे क्षेत्रों में साझेदारी की दिशा भी स्पष्ट हुई, जबकि मानवाधिकारों व सम्मान पर कुछ विरोध भी सामने आए।
गहराई से देखे तो यह यात्रा संस्कृति, राजनीति, रणनीति और वैश्विक कूटनीति का सम्मिश्रण थी, जिसने भारत और त्रिनिदाद एवं टोबैगो के बीच नये रिश्तों की दिशा को तय किया।