दुनिया एक बार फिर कोरोना वायरस के संभावित खतरे को लेकर सतर्क हो गई है। हांगकांग, सिंगापुर और थाईलैंड जैसे देशों में कोविड मामलों में अचानक हुई वृद्धि ने वैश्विक स्वास्थ्य एजेंसियों और सरकारों की चिंता बढ़ा दी है। क्या यह महामारी की वापसी की आहट है? विशेषज्ञ फिलहाल स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।
हांगकांग में स्वास्थ्य विभाग ने बीते सप्ताह रिपोर्ट किया कि वहां के अस्पतालों में कोविड के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इस बार लक्षणों में थोड़ी तब्दीली देखने को मिल रही है — खासकर बच्चों और बुजुर्गों में तेज बुखार, सांस लेने में दिक्कत और थकान जैसे लक्षण सामने आ रहे हैं।
वहीं सिंगापुर में भी नए वेरिएंट की आशंका के चलते जांचों की संख्या बढ़ा दी गई है। सरकारी बयान में कहा गया है कि संक्रमण की दर में हल्की तेजी देखी गई है, लेकिन अस्पतालों की स्थिति अभी नियंत्रण में है। थाईलैंड में भी सार्वजनिक स्थलों पर मास्क पहनने की सलाह दी जा रही है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इन देशों में बढ़ते मामलों को "स्थानीय स्पाइक" बताया है, लेकिन यह भी कहा कि इन पर सतर्कता जरूरी है। WHO के विशेषज्ञों के अनुसार, कोविड का वायरस अब एंडेमिक चरण में है यानी यह समय-समय पर उभर सकता है, खासकर जब सतर्कता में ढील दी जाए या टीकाकरण की दर कम हो।
भारत में फिलहाल स्थिति सामान्य है, लेकिन स्वास्थ्य मंत्रालय ने अलर्ट जारी करते हुए राज्यों से निगरानी बढ़ाने और अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की जांच सख्त करने को कहा है। कई विशेषज्ञों का मानना है कि पहले से विकसित टीकों और हर्ड इम्यूनिटी के चलते व्यापक संकट की संभावना कम है, लेकिन सावधानी बरतना जरूरी है।