भारत द्वारा हाल ही में अंजाम दिया गया 'ऑपरेशन सिंदूर' तीनों सैन्य बलों – थल सेना, वायु सेना और नौसेना – के बीच अद्भुत तालमेल और रणनीतिक दक्षता का प्रतीक बनकर सामने आया है। इस बहुप्रशंसित अभियान में भारत सरकार ने युद्धग्रस्त पश्चिम एशिया के एक क्षेत्र से भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकालने में सफलता हासिल की।
रक्षा मंत्रालय ने मंगलवार को एक विस्तृत प्रेस ब्रीफिंग में इस अभियान की सभी प्रमुख जानकारियाँ साझा कीं, जिसमें बताया गया कि कैसे थल, जल और नभ से संयुक्त कार्रवाई कर संकट में फंसे लोगों को सुरक्षित स्वदेश लाया गया। यह ऑपरेशन कई चरणों में संचालित हुआ और इसमें अत्याधुनिक सैन्य संसाधनों का अत्यधिक कुशलता से उपयोग किया गया।
ऑपरेशन की विशेषताएँ
'ऑपरेशन सिंदूर' की सबसे बड़ी खासियत यह रही कि इसमें तीनों सेनाओं के बीच रीयल-टाइम समन्वय स्थापित हुआ। नौसेना के युद्धपोतों को तटवर्ती क्षेत्रों में तैनात किया गया, वहीं वायुसेना के विशेष विमानों ने लंबे समय तक एयरलिफ्ट ऑपरेशन चलाकर नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकाला। थल सेना की इकाइयों ने जमीनी स्तर पर सहायता व समन्वय कार्य को संभाला।
मंत्रालय के अनुसार, इस अभियान के दौरान कोई जान-माल का नुकसान नहीं हुआ और सभी भारतीय नागरिकों को सुरक्षित लाया गया। ऑपरेशन के लिए चुनी गई रणनीति, मिशन की गुप्तता, और स्थानीय संपर्क सूत्रों से तालमेल ने इसे अत्यंत सफल बनाया।
रक्षा मंत्रालय की पारदर्शिता
रक्षा मंत्रालय ने इस पूरे अभियान की जानकारी बेहद पारदर्शिता के साथ साझा की। मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि यह ऑपरेशन भारत की “एक भारत-श्रेष्ठ भारत” नीति और “सर्वे भवंतु सुखिनः” की भावना का सजीव उदाहरण है, जहां देश किसी भी भारतीय की सुरक्षा के लिए सीमाओं से परे जाकर भी कदम उठाने को तैयार है।