भारत में कोविड-19 के मामलों में हाल ही में वृद्धि देखी गई है, विशेष रूप से महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु में। महाराष्ट्र के ठाणे में एक 21 वर्षीय डायबिटिक मरीज की मृत्यु हुई है, जबकि बेंगलुरु में एक 84 वर्षीय व्यक्ति की कोविड-19 से मृत्यु हुई है। इसके अतिरिक्त, बेंगलुरु में एक 9 महीने के शिशु के संक्रमित होने की भी पुष्टि हुई है।
नए वेरिएंट्स की जानकारी
-
JN.1: यह वर्तमान में भारत में सबसे प्रचलित वेरिएंट है, जो लगभग 53% मामलों के लिए जिम्मेदार है। यह ओमिक्रॉन का उप-संस्करण है और अधिकांश मामलों में हल्के लक्षण उत्पन्न करता है, जैसे गले में खराश, बुखार, थकान और नाक बहना।
-
NB.1.8.1: इस वेरिएंट का एक मामला अप्रैल 2025 में तमिलनाडु में पाया गया। इसमें स्पाइक प्रोटीन में A435S, V445H और T478I जैसे म्यूटेशन हैं, जो इसे अधिक संक्रामक और प्रतिरक्षा प्रणाली से बचने में सक्षम बना सकते हैं। हालांकि, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसे "Variants Under Monitoring" की श्रेणी में रखा है, और इसका वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य जोखिम वर्तमान में कम माना गया है।
-
LF.7: मई 2025 में गुजरात में इस वेरिएंट के चार मामले सामने आए हैं। यह भी "Variants Under Monitoring" की श्रेणी में है। इस वेरिएंट के लक्षण भी अन्य ओमिक्रॉन उप-संस्करणों के समान हैं।
लक्षण और सावधानियाँ
इन वेरिएंट्स से संक्रमित व्यक्तियों में सामान्यतः हल्के लक्षण देखे जा रहे हैं, जैसे:
-
गले में खराश
-
मध्यम बुखार
-
थकान
-
सिरदर्द
-
नाक बहना
हालांकि, बुजुर्गों और सह-रुग्णताओं वाले व्यक्तियों के लिए जोखिम अधिक हो सकता है।
सावधानियाँ:
-
भीड़-भाड़ वाले स्थानों में मास्क पहनें।
-
नियमित रूप से हाथ धोएं।
-
सामाजिक दूरी बनाए रखें।
-
टीकाकरण और बूस्टर डोज़ सुनिश्चित करें।
-
लक्षण दिखने पर तुरंत परीक्षण कराएं और आवश्यकतानुसार आइसोलेशन में रहें।
हालांकि नए वेरिएंट्स के कारण मामलों में वृद्धि देखी जा रही है, अधिकांश संक्रमण हल्के हैं और घर पर ही प्रबंधन योग्य हैं। स्वास्थ्य अधिकारी स्थिति की निगरानी कर रहे हैं और जनता को सतर्क रहने की सलाह दे रहे हैं। सावधानी और जागरूकता से हम इस स्थिति को नियंत्रित रख सकते हैं।