नई दिल्ली: भारत ने रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक और ऐतिहासिक कदम बढ़ाया है। केंद्र सरकार ने 5वीं पीढ़ी के स्वदेशी स्टील्थ लड़ाकू विमान के डिजाइन मॉडल को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। यह परियोजना देश के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) की देखरेख में विकसित की जाएगी, जिसमें निजी क्षेत्र की कंपनियों की भी महत्वपूर्ण भूमिका होगी।
एएमसीए परियोजना में होगा निजी भागीदारी का विस्तार
इस स्वदेशी लड़ाकू विमान परियोजना का नाम एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) है। एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (ADA) और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) इसे मिलकर विकसित कर रहे हैं। खास बात यह है कि इस परियोजना में निजी रक्षा कंपनियों को भी पहली बार व्यापक रूप से शामिल किया जाएगा, ताकि उत्पादन प्रक्रिया तेज़ हो और तकनीकी दक्षता को नया आयाम मिले।
7,000 किलोग्राम हथियार ले जाने की क्षमता
एएमसीए विमान लगभग 7,000 किलोग्राम तक विस्फोटक, मिसाइलें और अन्य हथियार लेकर उड़ान भरने में सक्षम होगा। यह विमान सुपरसोनिक गति से उड़ सकेगा और इसमें स्टील्थ टेक्नोलॉजी होगी, जिससे दुश्मन के रडार भी इसकी पहचान नहीं कर सकेंगे।
भारत की वायु शक्ति को मिलेगा नया आयाम
इस स्टील्थ फाइटर जेट की तैनाती से भारतीय वायुसेना की रणनीतिक क्षमताओं में क्रांतिकारी बदलाव आएगा। यह चीन और पाकिस्तान जैसे पड़ोसी देशों की सैन्य चुनौतियों से निपटने में निर्णायक भूमिका निभा सकता है। इसकी तुलना अमेरिका के एफ-35 और रूस के सुखोई Su-57 जैसे आधुनिक विमानों से की जा रही है।
2025 तक पहला प्रोटोटाइप संभव
रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, यदि सभी प्रक्रियाएं निर्धारित समय पर पूरी होती हैं, तो 2025 तक पहला उड़ान-योग्य प्रोटोटाइप तैयार हो सकता है। इसके बाद परीक्षण और उत्पादन का चरण आरंभ होगा।