28 मई 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में किसानों और ग्रामीण अर्थव्यवस्था से जुड़े कई महत्वपूर्ण फैसलों पर मुहर लगी। खासतौर पर खरीफ फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में बढ़ोतरी और ब्याज सहायता योजना को लेकर बड़े निर्णय लिए गए हैं, जिससे खेती-किसानी को राहत मिलेगी और ग्रामीण आय में सुधार की उम्मीद है।
1. खरीफ फसलों के MSP में वृद्धि
कैबिनेट ने 2025-26 के लिए खरीफ सीज़न की 14 प्रमुख फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी को मंजूरी दी। खासतौर पर धान की MSP ₹2,300 प्रति क्विंटल निर्धारित की गई है, जो पिछले साल की तुलना में ₹117 ज़्यादा है। इसी तरह तूर, उड़द, मूंग, सोयाबीन जैसी दालों और तिलहन फसलों पर भी MSP बढ़ाया गया है। सरकार का उद्देश्य किसानों को लागत मूल्य से कम से कम 50% अधिक मूल्य सुनिश्चित करना है।
2. ब्याज सहायता योजना को मंजूरी
कैबिनेट ने ब्याज सहायता योजना के तहत 2025-26 से 2030-31 तक की अवधि के लिए ₹60,000 करोड़ की राशि को मंजूरी दी है। इसका मकसद यह है कि सहकारी बैंकों, ग्रामीण बैंकों और अन्य संस्थाओं से फसल ऋण लेने वाले किसानों को 2 से 3% तक ब्याज में राहत मिल सके। इससे खेती में निवेश को बढ़ावा मिलेगा और किसान कर्ज़ के बोझ से कुछ हद तक राहत पाएंगे।
3. टेक्सटाइल उद्योग को बढ़ावा
सरकार ने नेशनल टेक्सटाइल कॉर्पोरेशन (NTC) के तहत बंद पड़ी मिलों के पुनर्गठन की योजना को भी मंजूरी दी है। इसके तहत कुछ संपत्तियों का पुनः उपयोग कर टेक्सटाइल सेक्टर को फिर से जीवंत करने की कोशिश की जाएगी।
4. ग्रामीण क्षेत्रों में निवेश बढ़ाने पर ज़ोर
बैठक में ग्रामीण विकास योजनाओं को रफ्तार देने के लिए अतिरिक्त बजट स्वीकृत किया गया है, जिससे स्थानीय रोजगार और अवसंरचना में सुधार किया जा सके।
5. उद्यमिता और कृषि तकनीक को बढ़ावा
सरकार ने कृषि स्टार्टअप्स, जैविक खेती और स्मार्ट कृषि उपकरणों को बढ़ावा देने के लिए नई योजनाओं की रूपरेखा तैयार करने के निर्देश दिए हैं।
इन फैसलों से सरकार की प्राथमिकता स्पष्ट है—कृषि को आर्थिक रूप से मजबूत बनाना और किसानों की आय को दोगुना करने के लक्ष्य की ओर तेज़ी से बढ़ना।