देश की नागरिक सुरक्षा प्रणाली को और अधिक मजबूत बनाने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने 'ऑपरेशन शील्ड' (Operation SHIELD) को 31 मई 2025 को राष्ट्रव्यापी सिविल डिफेंस अभ्यास के रूप में आयोजित करने का निर्णय लिया है। इस अभियान के तहत सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में आपातकालीन स्थितियों से निपटने की यथार्थवादी तैयारियों का मूल्यांकन किया जाएगा।
क्या है 'ऑपरेशन शील्ड'?
'ऑपरेशन शील्ड' का पूरा नाम है – Strategic Homeland Initiative for Emergency Logistics and Disaster Response. यह एक समन्वित अभ्यास है, जिसका उद्देश्य है प्राकृतिक आपदाओं, आतंकी हमलों, रासायनिक दुर्घटनाओं और जैविक खतरों के समय त्वरित प्रतिक्रिया की दक्षता को परखना और सुधारना।
किन एजेंसियों की होगी भागीदारी?
इस अभ्यास में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF), राज्य आपदा मोचन बल (SDRF), सिविल डिफेंस, फायर ब्रिगेड, पुलिस, स्वास्थ्य विभाग, और स्थानीय प्रशासन की भागीदारी अनिवार्य रहेगी। इसके अतिरिक्त, अस्पतालों, स्कूलों, औद्योगिक इकाइयों और सार्वजनिक स्थलों पर मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी।
केंद्र ने दिए दिशानिर्देश
गृह मंत्रालय ने राज्यों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वे 31 मई को अभ्यास के दौरान:
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सभी संबंधित विभागों के साथ समन्वय स्थापित करें
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नागरिकों को अलर्ट करें लेकिन घबराहट फैलने से रोकें
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अभ्यास के वीडियो और रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजें
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प्रमुख शहरों और संवेदनशील क्षेत्रों में प्राथमिकता के आधार पर मॉक ड्रिल करें
आम नागरिकों से क्या अपेक्षा?
'ऑपरेशन शील्ड' एक सामूहिक सुरक्षा अभ्यास है, जिसमें आम नागरिकों की जागरूकता और सहभागिता अत्यंत आवश्यक है। सरकार ने नागरिकों से अपील की है कि वे:
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अलर्ट मैसेज और सायरन से घबराएं नहीं
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प्रशासन के निर्देशों का पालन करें
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सोशल मीडिया पर अफवाह न फैलाएं
'ऑपरेशन शील्ड' केवल एक अभ्यास नहीं, बल्कि भारत की आपदा प्रबंधन क्षमता की परीक्षा है। यह पहल यह सुनिश्चित करेगी कि आपात स्थिति में देश की मशीनरी कितनी तत्पर और संगठित है।