मणिपुर एक बार फिर अशांति की चपेट में है। राज्य के पांच प्रमुख जिलों – इंफाल ईस्ट, इंफाल वेस्ट, बिष्णुपुर, कांगपोकपी और थौबल – में इंटरनेट सेवाएं अस्थायी रूप से बंद कर दी गई हैं। यह कदम कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए उठाया गया है, जो कि मैतेई समुदाय के एक प्रमुख नेता की गिरफ्तारी के बाद बिगड़ते हालात को देखते हुए जरूरी हो गया था।
गिरफ्तार किए गए नेता पर कथित रूप से भड़काऊ बयान देने और सांप्रदायिक तनाव को बढ़ावा देने के आरोप लगाए गए हैं। इसके बाद समुदाय में भारी आक्रोश फैल गया। बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतर आए और विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गया। कुछ स्थानों पर हिंसा की भी खबरें सामने आईं, जिससे स्थिति और भी गंभीर हो गई।
राज्य सरकार ने हालात को काबू में लाने के लिए तत्काल प्रभाव से इंटरनेट सेवा को बंद करने का फैसला किया। यह निर्णय अफवाहों और भड़काऊ संदेशों के प्रसार को रोकने के उद्देश्य से लिया गया है। पुलिस और सुरक्षा बलों को संवेदनशील इलाकों में तैनात किया गया है ताकि किसी भी प्रकार की हिंसा या उपद्रव को रोका जा सके।
मणिपुर पहले से ही जातीय संघर्षों और सामाजिक विभाजन की चपेट में है। कुकी और मैतेई समुदायों के बीच लंबे समय से चले आ रहे तनाव ने पिछले वर्ष भी हिंसक रूप लिया था। इस बार एक राजनीतिक और सामाजिक नेता की गिरफ्तारी ने इन जटिलताओं को और हवा दे दी है।
मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है और कहा है कि किसी को भी कानून हाथ में लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी। प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि इंटरनेट सेवा केवल अस्थायी रूप से बंद की गई है और हालात सामान्य होते ही इसे बहाल कर दिया जाएगा।
मणिपुर में मैतेई नेता की गिरफ्तारी के बाद उत्पन्न स्थिति ने राज्य को एक बार फिर संवेदनशील बना दिया है। इंटरनेट सेवाओं की अस्थायी रोकथाम और सुरक्षा व्यवस्था की सख्ती से फिलहाल हालात को नियंत्रित करने की कोशिश की जा रही है, लेकिन यह घटनाक्रम राज्य की सामाजिक एकता के लिए एक गंभीर चेतावनी भी है।