दुनियाभर में बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव के बीच अब जर्मनी भी संभावित विश्व युद्ध की तैयारी में जुट गया है। खासकर रूस के बढ़ते आक्रामक रवैये और यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि को देखते हुए, जर्मन सरकार ने नागरिक सुरक्षा और आपातकालीन तैयारियों को प्राथमिकता देना शुरू कर दिया है। इसके तहत देशभर में पुराने बंकरों को दोबारा तैयार किया जा रहा है और नए बंकरों के निर्माण पर करोड़ों यूरो की भारी राशि खर्च की जा रही है।
जर्मनी के गृह मंत्री नैन्सी फेजर ने हाल ही में एक बयान में कहा कि देश को बदलते वैश्विक परिदृश्य के अनुरूप खुद को तैयार करना होगा। उन्होंने बताया कि सरकार नागरिकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय रक्षा अवसंरचना को मज़बूत कर रही है। इसमें परमाणु हमले या अन्य आपात स्थितियों से निपटने के लिए विशेष बंकर बनाए जा रहे हैं।
यूक्रेन युद्ध ने यूरोप के कई देशों को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या वे किसी भी बड़े युद्ध के लिए तैयार हैं। खासकर बाल्टिक देशों और पोलैंड जैसे पड़ोसी राष्ट्रों की चिंता भी बढ़ी है। जर्मनी, जो NATO का एक महत्वपूर्ण सदस्य है, अब अपने नागरिक सुरक्षा ढांचे को Cold War काल के मानकों के अनुसार फिर से सुदृढ़ कर रहा है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, देश के कुछ प्रमुख शहरों में ऐसे बंकर बनाए जा रहे हैं जिनमें हजारों लोगों को आपातकाल की स्थिति में आश्रय दिया जा सकेगा। इसके अलावा भोजन, पानी, स्वास्थ्य सेवाओं और संचार सुविधाओं की आपूर्ति के लिए भी अलग से योजनाएं तैयार की जा रही हैं।
इस पूरे अभियान पर जर्मन सरकार अरबों यूरो निवेश कर रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम केवल युद्ध की आशंका नहीं, बल्कि भविष्य में किसी भी संभावित संकट – जैविक हमला, साइबर अटैक या प्राकृतिक आपदा – से निपटने की व्यापक रणनीति का हिस्सा है।
रूस के बढ़ते प्रभाव और यूक्रेन युद्ध के अनुभव ने जर्मनी को अपनी सुरक्षा रणनीति पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर कर दिया है। WW3 की संभावना भले ही सैद्धांतिक हो, लेकिन जर्मनी की तैयारियां बताती हैं कि खतरे को अब नजरअंदाज नहीं किया जा रहा।