यूक्रेन और रूस के बीच जारी युद्ध में एक बार फिर तनाव चरम पर पहुंच गया है। रूस ने हाल ही में यूक्रेन पर भीषण हमला किया, जिसमें 407 ड्रोन और 45 मिसाइलें इस्तेमाल की गईं। इस हमले को अब तक की सबसे बड़ी जवाबी कार्रवाई माना जा रहा है। रूसी हमले के बाद यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से शांति बहाली की अपील की है।
रूसी रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, यह हमला यूक्रेनी हमलों के जवाब में किया गया है। रूस का आरोप है कि यूक्रेन लगातार उसकी सीमाओं पर ड्रोन हमले कर रहा है, जिनमें कई नागरिक क्षेत्रों को नुकसान पहुंचा है। इसके जवाब में रूस ने यूक्रेन के सैन्य प्रतिष्ठानों, कम्युनिकेशन हब और ऊर्जा केंद्रों को निशाना बनाते हुए यह हमला किया।
हमले में सबसे ज्यादा नुकसान यूक्रेन के पूर्वी और दक्षिणी हिस्सों में हुआ है। कई शहरों में बिजली और इंटरनेट सेवा बाधित हो गई है। यूक्रेनी सेना ने दावा किया कि उन्होंने कुछ ड्रोन और मिसाइलों को मार गिराया, लेकिन इतने बड़े पैमाने पर हुए हमले को पूरी तरह रोकना संभव नहीं हो पाया।
दूसरी ओर, राष्ट्रपति जेलेंस्की ने एक बयान जारी कर कहा कि रूस का यह हमला मानवता के खिलाफ है और इसका उद्देश्य नागरिकों में भय फैलाना है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय नेताओं से अपील की है कि वह रूस पर दबाव बनाएं ताकि युद्ध को समाप्त किया जा सके। जेलेंस्की ने यह भी कहा कि यूक्रेन अब शांति वार्ता के लिए तैयार है, बशर्ते उसे उसकी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की गारंटी मिले।
इस हमले के बाद यूक्रेन की स्थिति और भी जटिल हो गई है। नाटो देशों और संयुक्त राष्ट्र ने हमले की निंदा करते हुए संयम बरतने की अपील की है। हालांकि, रूस की ओर से यह स्पष्ट संकेत है कि वह पीछे हटने को तैयार नहीं है और यदि उकसाया गया, तो और बड़ी सैन्य कार्रवाई कर सकता है।
इस घटनाक्रम ने युद्ध के शांतिपूर्ण समाधान की संभावनाओं को फिर से चर्चा में ला दिया है। दुनिया की नजर अब इस बात पर है कि क्या यह टकराव बातचीत की ओर मोड़ेगा या और अधिक हिंसक मोड़ लेगा।