पूर्वोत्तर भारत का संवेदनशील राज्य मणिपुर एक बार फिर हिंसा की चपेट में आ गया है। बीते कुछ दिनों से हालात फिर से तनावपूर्ण हो गए हैं। ताज़ा घटनाक्रम में कुछ प्रदर्शनकारियों ने कलेक्टर कार्यालय में आगजनी कर दी, वहीं एक व्यक्ति ने आत्मदाह का प्रयास भी किया, जिससे हालात और भी गंभीर हो गए। राज्य की राजधानी इंफाल सहित कई इलाकों में प्रदर्शन तेज़ हो गया है और सड़कें मानो युद्ध का मैदान बन गई हैं।
सूत्रों के अनुसार, हिंसा की यह नई लहर एक विशेष समुदाय से जुड़े मुद्दों और प्रशासनिक निर्णयों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के रूप में शुरू हुई। प्रदर्शनकारी कथित भेदभाव और लंबे समय से लंबित मांगों को लेकर सड़कों पर उतर आए। प्रशासन द्वारा लिए गए कुछ हालिया फैसलों ने समुदाय विशेष में असंतोष पैदा कर दिया, जिसके परिणामस्वरूप विरोध तेज़ हो गया।
विरोध प्रदर्शन के दौरान कलेक्टर कार्यालय को निशाना बनाया गया। भीड़ ने परिसर में आगजनी की और सरकारी दस्तावेजों को नुकसान पहुँचाया। पुलिस ने हालात को नियंत्रित करने की कोशिश की लेकिन उग्र भीड़ के कारण झड़पें हुईं। इसी बीच, एक प्रदर्शनकारी ने आत्मदाह का प्रयास किया, जिसे समय रहते बचा लिया गया, लेकिन उसकी स्थिति गंभीर बनी हुई है।
सरकार ने स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की है। संवेदनशील इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया है और इंटरनेट सेवाएं अस्थायी रूप से बंद कर दी गई हैं ताकि अफवाहों को फैलने से रोका जा सके। मुख्यमंत्री ने शांति बनाए रखने की अपील करते हुए कहा है कि सरकार जनता की समस्याओं को गंभीरता से ले रही है और जल्द समाधान निकाला जाएगा।
इस ताजा हिंसा ने मणिपुर की पहले से अस्थिर सामाजिक और राजनीतिक स्थिति को और जटिल बना दिया है। जानकारों का मानना है कि जब तक संवाद और भरोसे की बहाली नहीं होती, तब तक ऐसे हालात बार-बार सामने आ सकते हैं।