पिछले छह दिनों के भीतर एअर इंडिया की कुल 83 उड़ानें रद्द की गई हैं, जिससे यात्रियों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ा है। इन रद्द उड़ानों में सबसे अधिक प्रभावित बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान रहे हैं। हालात ऐसे बन गए हैं कि दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और चेन्नई जैसे प्रमुख हवाई अड्डों से उड़ान भरने वाली कई इंटरनेशनल और डोमेस्टिक फ्लाइट्स को आखिरी समय में रद्द करना पड़ा।
नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू की। हालांकि जांच के शुरुआती निष्कर्षों में किसी भी प्रकार की तकनीकी या परिचालन खामी की पुष्टि नहीं हुई है। DGCA अधिकारियों के अनुसार, एयरलाइन की आंतरिक मैनेजमेंट चुनौतियां, जैसे पायलट और क्रू की उपलब्धता, रखरखाव से जुड़ी दिक्कतें और स्लॉटिंग से जुड़ी समस्याएं, उड़ानें रद्द होने के मुख्य कारण हो सकते हैं।
बोइंग 787 विमानों की बार-बार रद्द हो रही उड़ानों के चलते एयर इंडिया की अंतरराष्ट्रीय सेवाओं पर भी असर पड़ा है। अमेरिका, यूरोप और खाड़ी देशों की कई उड़ानें या तो विलंबित रहीं या फिर रद्द करनी पड़ीं।
यात्रियों में नाराज़गी बढ़ने के बाद DGCA ने एयर इंडिया से विस्तृत स्पष्टीकरण मांगा है। एयर इंडिया की ओर से कहा गया है कि वे यात्रियों को समुचित रीफंड, रीबुकिंग और सुविधाएं देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
इस पूरी स्थिति ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या देश की प्रमुख एयरलाइन अपने बढ़ते नेटवर्क को संभाल पाने में सक्षम है या नहीं। हालांकि DGCA की रिपोर्ट में फिलहाल किसी गंभीर सुरक्षा या तकनीकी खामी का जिक्र नहीं है, लेकिन एयर इंडिया को अपने परिचालन को सुचारू करने के लिए तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता है।