पश्चिम एशिया में हालात तेजी से गंभीर होते जा रहे हैं। ईरान और इज़रायल के बीच तनाव अब युद्ध में बदल चुका है। ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने बुधवार सुबह औपचारिक रूप से युद्ध की घोषणा कर दी। उन्होंने कहा कि इज़रायल की आक्रामक कार्रवाईयों का अब निर्णायक जवाब दिया जाएगा। इसके कुछ ही घंटों बाद, इज़रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भी हमले तेज करने का आदेश दे दिया।
🔥 स्थिति गंभीर, क्षेत्रीय अस्थिरता की आशंका
तेहरान और तेल अवीव के बीच जारी वाकयुद्ध अब सैन्य कार्रवाई में बदल चुका है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ईरान की रिवोल्यूशनरी गार्ड्स ने इज़रायली ठिकानों पर मिसाइल हमले शुरू कर दिए हैं, वहीं इज़रायल ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए ईरान के कथित परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया है।
संयुक्त राष्ट्र, यूरोपीय संघ और कई मध्यस्थ देशों ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है, लेकिन जमीनी हालात नियंत्रण से बाहर होते दिख रहे हैं।
🛑 अमेरिका की सतर्कता: ट्रंप ने बुलाई इमरजेंसी मीटिंग
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, जो वर्तमान में विशेष दूत के रूप में कार्य कर रहे हैं, ने इस स्थिति को लेकर आपात बैठक बुलाई है। उन्होंने कहा कि यह संघर्ष केवल दो देशों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि पूरे क्षेत्र को अस्थिर कर सकता है। अमेरिका ने अपने नागरिकों को तेहरान और तेल अवीव छोड़ने की सलाह दी है, साथ ही खाड़ी देशों में अपनी सैन्य उपस्थिति बढ़ा दी है।
भारत की प्रतिक्रिया
भारतीय विदेश मंत्रालय ने ईरान में रह रहे अपने नागरिकों को तुरंत वहां से निकलने की एडवाइजरी जारी की है। तेहरान में मौजूद भारतीय छात्रों और कामकाजी लोगों को शहर के बाहर सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जा रहा है। भारत सरकार स्थिति पर बारीकी से नजर रख रही है और ज़रूरत पड़ने पर अतिरिक्त उड़ानों की व्यवस्था करने पर भी विचार किया जा रहा है।
🌍 वैश्विक समुदाय की चिंता
इस युद्ध के चलते तेल की कीमतों में उछाल आया है और वैश्विक शेयर बाजारों में गिरावट देखने को मिल रही है। कूटनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यह संघर्ष लंबा खिंचा, तो यह पूरी दुनिया की सुरक्षा और अर्थव्यवस्था को गहरे संकट में डाल सकता है।
ईरान और इज़रायल के बीच यह युद्ध केवल दो देशों की लड़ाई नहीं रह गई है। यह टकराव वैश्विक भू-राजनीति, ऊर्जा आपूर्ति, और मानवाधिकारों को प्रभावित करने की दिशा में बढ़ रहा है। भारत सहित पूरी दुनिया की नजर अब इस पर टिकी है कि क्या कोई शक्ति इन दोनों देशों को वार्ता की मेज पर वापस ला सकती है।