प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कनाडा के कानानास्किस में आयोजित 51वें G7 शिखर सम्मेलन के मौके पर कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी से द्विपक्षीय बैठक की। यह मुलाकात सम्मेलन के इतर हुई जिसमें दोनों देशों के बीच व्यापार, निवेश, स्वच्छ ऊर्जा, तकनीकी सहयोग और वैश्विक मुद्दों पर गहन चर्चा हुई।
प्रधानमंत्री मोदी ने कनाडा में नई सरकार के गठन के लिए मार्क कार्नी को बधाई दी और विश्वास जताया कि उनके नेतृत्व में भारत-कनाडा संबंध और प्रगाढ़ होंगे। उन्होंने कहा कि दोनों लोकतांत्रिक देशों के बीच सहयोग का व्यापक दायरा है, जिसमें व्यापार, खनिज, ऊर्जा और तकनीकी नवाचार जैसे क्षेत्रों में संभावनाएं मौजूद हैं।
मोदी ने जोर दिया कि भारत और कनाडा को ऐसे साझा प्रयास करने चाहिए जिससे दोनों देशों को परस्पर लाभ हो। उन्होंने कहा, “भारत और कनाडा के बीच संबंध बेहद महत्वपूर्ण हैं। हमें लोकतांत्रिक मूल्यों, स्वतंत्रता और कानून के शासन जैसी साझा मान्यताओं को और मजबूत करना चाहिए।”
बैठक के दौरान दोनों नेताओं ने नए उच्चायुक्तों की नियुक्ति पर सहमति जताई ताकि राजनयिक संबंधों को फिर से सामान्य किया जा सके। यह निर्णय पिछले कुछ समय से तनावग्रस्त द्विपक्षीय संबंधों में सुधार की दिशा में अहम माना जा रहा है। कनाडा के प्रधानमंत्री कार्यालय ने बयान में कहा कि दोनों देशों ने आपसी सम्मान और क्षेत्रीय अखंडता के सिद्धांतों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई है।
कार्नी ने कहा कि G7 सम्मेलन में भारत की भागीदारी और प्रधानमंत्री मोदी की मेजबानी करना सम्मान की बात है। उन्होंने भारत के साथ ऊर्जा सुरक्षा, AI, जलवायु परिवर्तन और आतंकवाद जैसे मुद्दों पर मिलकर काम करने की इच्छा जताई।
मोदी ने बताया कि यह 2015 के बाद उनकी पहली कनाडा यात्रा है और वह यहां के लोगों से पुनः मिलने को लेकर उत्साहित हैं। उन्होंने कहा कि भारत G20 की अध्यक्षता के अनुभवों के साथ अब G7 के मंच से भी वैश्विक भलाई के लिए प्रयासरत है।