केंद्र सरकार द्वारा पारित नया आयकर विधेयक अब राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद कानून बन गया है। वित्त मंत्रालय ने पुष्टि की है कि यह कानून 1 अप्रैल 2026 से पूरे देश में लागू होगा। इस विधेयक का उद्देश्य आयकर प्रणाली को सरल, पारदर्शी और करदाताओं के लिए अधिक अनुकूल बनाना है।
क्या है नया प्रावधान?
नए आयकर कानून के तहत कर दरों में कई बदलाव किए गए हैं। अब व्यक्तिगत आयकर स्लैब को पुनर्गठित किया गया है, जिससे मध्यम वर्ग को राहत मिलने की उम्मीद है। इसके अलावा, पुराने जटिल प्रावधानों को हटाकर एक सरलीकृत टैक्स ढांचा लागू किया गया है। कर चोरी रोकने के लिए सख्त दंडात्मक प्रावधान भी शामिल किए गए हैं।
सरकार का उद्देश्य
सरकार का कहना है कि नया कानून डिजिटल अर्थव्यवस्था और कैशलेस ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देगा। साथ ही, टैक्स अनुपालन को आसान बनाने के लिए एकीकृत ऑनलाइन पोर्टल तैयार किया जा रहा है, जिससे करदाताओं को रिटर्न दाखिल करने में सुविधा होगी।
किसे मिलेगा लाभ?
वित्त विशेषज्ञों के अनुसार, नए कानून से वेतनभोगी वर्ग, छोटे व्यवसाय और स्टार्टअप को फायदा होगा। वहीं, उच्च आय वर्ग के लिए कुछ अतिरिक्त टैक्स देयता हो सकती है। कृषि आय को टैक्स दायरे से बाहर रखा गया है, जबकि डिजिटल संपत्ति और विदेशी निवेश पर निगरानी कड़ी की जाएगी।
वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि आगामी वित्त वर्ष तक सभी राज्यों को इस कानून को लागू करने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश भेजे जाएंगे। साथ ही, आयकर विभाग टैक्सपेयर अवेयरनेस प्रोग्राम भी शुरू करेगा ताकि नए प्रावधानों की जानकारी समय पर सभी को मिल सके।
नए आयकर कानून के लागू होने से देश की कर प्रणाली में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ने की उम्मीद है। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे न केवल कर संग्रह बढ़ेगा, बल्कि कर चोरी और ब्लैक मनी पर भी नियंत्रण मिलेगा।