राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के भविष्य की रूपरेखा पेश की। इस अवसर पर ISRO चेयरमैन वी. नारायणन और वैज्ञानिकों को बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि भारत अब केवल मिशन तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि वैश्विक अंतरिक्ष शक्ति के रूप में नई ऊंचाइयां हासिल करेगा।
गगनयान मिशन: भारत का अगला बड़ा कदम
प्रधानमंत्री ने बताया कि गगनयान मिशन भारत को मानव अंतरिक्ष उड़ान क्षमता देने वाला ऐतिहासिक प्रयास होगा। इसके सफल होने के बाद भारत उन चुनिंदा देशों की श्रेणी में शामिल होगा, जिन्होंने मानव को अंतरिक्ष में भेजने की क्षमता विकसित की है। मोदी ने कहा कि यह सिर्फ वैज्ञानिक उपलब्धि नहीं, बल्कि तकनीकी और आर्थिक दृष्टि से भी देश के लिए मील का पत्थर साबित होगा।
स्पेस स्टेशन और चंद्रमा मिशन पर फोकस
पीएम मोदी ने भविष्य की योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि 2035 तक भारत का अपना स्पेस स्टेशन स्थापित करने का लक्ष्य है। इसके साथ ही, चंद्रमा और मंगल मिशनों पर भी काम तेज किया जाएगा। हाल ही में सफल चंद्र मिशन के बाद भारत का अगला कदम स्थायी अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र की स्थापना करना है।
स्टार्टअप्स और प्राइवेट सेक्टर को मिलेगा बढ़ावा
प्रधानमंत्री ने कहा कि अंतरिक्ष क्षेत्र में निजी कंपनियों और स्टार्टअप्स को अधिक अवसर दिए जाएंगे। इससे देश में नई तकनीक के विकास के साथ रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। मोदी ने कहा कि भारत का विजन है कि अंतरिक्ष केवल विज्ञान तक सीमित न रहे, बल्कि अर्थव्यवस्था और समाज के लिए भी उपयोगी साबित हो।
ग्लोबल स्पेस पावर बनने का संकल्प
मोदी ने कहा कि भारत अब केवल लॉन्चिंग सर्विस प्रोवाइडर नहीं रहेगा, बल्कि स्पेस टेक्नोलॉजी और अनुसंधान में अग्रणी भूमिका निभाएगा। इसके लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग भी बढ़ाया जाएगा।
राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस पर पीएम मोदी का यह संदेश स्पष्ट करता है कि आने वाले दशक में भारत अंतरिक्ष अनुसंधान में बड़ी छलांग लगाने के लिए तैयार है।