यूरोप में ऊर्जा संकट एक बार फिर गहराता नजर आ रहा है। ताज़ा घटनाक्रम में यूक्रेन ने रूसी गैस पाइपलाइन पर रॉकेट हमले किए, जिससे हंगरी और स्लोवाकिया की प्राकृतिक गैस आपूर्ति खतरे में पड़ गई है। यह पाइपलाइन रूस से यूरोप के कई देशों तक गैस पहुंचाने का प्रमुख मार्ग है, और इस हमले के बाद क्षेत्र में ऊर्जा सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं।
हमले का कारण और पृष्ठभूमि
यूक्रेनी सेना का दावा है कि यह हमला रूस की आक्रामक कार्रवाई के जवाब में किया गया। यूक्रेन का कहना है कि रूस ने हाल ही में डोनबास और खार्किव क्षेत्रों में हमले तेज कर दिए हैं, जिसके चलते यह कदम उठाना पड़ा। हालांकि रूस ने इस पर कड़ा विरोध जताया है और कहा है कि यूरोप की ऊर्जा स्थिरता को खतरे में डालना यूक्रेन की “खतरनाक रणनीति” है।
हंगरी और स्लोवाकिया पर प्रभाव
हंगरी और स्लोवाकिया, दोनों ही देश अपनी ऊर्जा जरूरतों के लिए बड़े पैमाने पर रूसी गैस पर निर्भर हैं। पाइपलाइन पर हमले के बाद गैस सप्लाई में कमी आने की आशंका है, जिससे बिजली उत्पादन, उद्योगों और घरेलू उपभोक्ताओं पर असर पड़ सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि पाइपलाइन की मरम्मत में ज्यादा समय लगा, तो इन देशों को गैस की वैकल्पिक आपूर्ति की तलाश करनी पड़ेगी।
यूरोप में ऊर्जा संकट गहरा सकता है
यूरोप पहले ही रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते ऊर्जा अस्थिरता का सामना कर रहा है। रूस से गैस सप्लाई में कटौती के बाद कई देशों ने नवीकरणीय ऊर्जा और एलएनजी (Liquefied Natural Gas) आयात पर जोर दिया था। लेकिन मौजूदा हमला यह संकेत देता है कि ऊर्जा अवसंरचना अब युद्ध का अहम मोर्चा बन चुकी है। यूरोपीय संघ ने इसे लेकर आपात बैठक बुलाई है।
रूस और यूरोप की प्रतिक्रिया
रूस ने यूक्रेन पर ऊर्जा सुरक्षा को खतरे में डालने का आरोप लगाते हुए कहा है कि यह हमला अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन है। वहीं, यूरोपीय नेताओं ने इस घटना की निंदा करते हुए चेतावनी दी है कि इससे महाद्वीप में गैस की कीमतें फिर से आसमान छू सकती हैं। हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ओरबान ने कहा कि उनकी सरकार वैकल्पिक आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए तुरंत कदम उठाएगी।
यह घटना स्पष्ट करती है कि रूस-यूक्रेन संघर्ष केवल सैन्य मोर्चे तक सीमित नहीं है, बल्कि ऊर्जा सुरक्षा को भी गहरे संकट में डाल रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार, अगर यह ट्रेंड जारी रहा तो यूरोप को सर्दियों में गंभीर ऊर्जा संकट का सामना करना पड़ सकता है।