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लेख

पोषण अभियान के 2018 में शुरू होने के बाद से, हर वर्ष अलग-अलग मंत्रालयों/विभागों और अन्‍य साझेदारों के साथ मिलकर पोषण माह और पोषण पखवाड़ा के रूप में वार्षिक जन आंदोलन मनाए जाते हैं

December 06, 2025 07:43 PM

स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार अभियान के साथ, 8वां राष्ट्रीय पोषण माह 17 सितम्‍बर, 2025 को शुरू किया गया 

 “स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार अभियान (एसएनएसपीए)” अभियान 17 सितम्‍बर 2025 से 2 अक्टूबर 2025 के बीच स्‍वास्‍थ्‍य और परिवार कल्‍याण मंत्रालय (एमओएचएफडब्‍ल्‍यू) और महिला और बाल विकास मंत्रालय (एमओडब्‍ल्‍यूसीडी) ने चलाया था। इसका मकसद पूरे भारत में महिलाओं और बच्चों के लिए स्‍वास्‍थ्‍य देखभाल सेवाओं को मज़बूत करना था, जिसमें जन भागीदारी के ज़रिए पहुँच, अच्छी देखभाल और जागरूकता को बेहतर बनाना शामिल था।

स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार अभियान को पूरे देश में विभिन्‍न मंत्रालयों के साझेदारों के साथ मिलकर लागू किया गया ताकि ज़मीनी स्तर पर महिलाओं, किशोरों और बच्चों को पूरी सेवा मिल सके। अभियान के दौरान ज़्यादा से ज़्यादा लोगों तक पहुँचने के लिए क्षेत्रीय भाषाओं में प्रकाशित सूचना शिक्षा और जानकारी (आईईसी) दी गई।

अभियान के दौरान ये गतिविधियां की गईं:

  • देश भर में 19.7 लाख समर्पित स्‍वास्‍थ्‍य शिविर, जिनमें सभी स्‍वास्‍थ्‍य देखभाल मंचों पर 11 करोड़ से ज़्यादा लोग आते हैं, स्क्रीनिंग और विशेषज्ञ और टेलीमेडिसिन सेवा देने के लिए, जिसमें काउंसलिंग भी शामिल हैं।
  • महिलाओं के लिए मेडिकल और स्‍वास्‍थ्‍य सेवा देना, जिसमें ईएनटी, आई, डेंटल चेक-अप शामिल हैं।
  • स्‍वस्‍थ जीवन शैली को बढ़ावा देना, जैसे मोटापा कम करना, स्‍थानीय और क्षेत्रीय भोजन खाना, टेक-होम राशन (टीएचआर) बांटना।  
  • महिलाओं की स्‍वास्‍थ्‍य पर ध्‍यान केन्द्रित करना, जिसमें ओरल, ब्रेस्ट और सर्वाइकल कैंसर, एनीमिया, हाइपरटेंशन, डायबिटीज, तपेदिक और सिकल सेल बीमारियों की स्क्रीनिंग शामिल है।
  • मातृत्‍व और शिशु स्‍वास्‍थ्‍य सेवा देना, जैसे एंटीनेटल केयर (एएनसी) चेकअप और इम्यूनाइजेशन और अर्ली चाइल्डहुड केयर और इन्फैंट एंड यंग चाइल्ड फीडिंग (आईवाईसीएफ) प्रैक्टिस।
  • पोषण, माहवारी के दौरान साफ-सफाई और मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य के बारे में जागरूकता बढ़ाना।
  • स्‍वेच्‍छा से रक्‍तदान, निक्षय मित्र वॉलंटियर और ऑर्गन डोनर रजिस्ट्रेशन के लिए नागरिकों की सक्रिय भागीदारी।
  • डिजिटल कार्ड बांटना और मदर एंड चाइल्ड प्रोटेक्शन (एमसीपी) कार्ड, सिकल सेल कार्ड, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) में एनरोलमेंट और पोषण ट्रैकर पर बेनिफिशियरी का रजिस्ट्रेशन समेत स्पेशल रजिस्ट्रेशन।

पोषण अभियान के 2018 में शुरू होने के बाद से, अलग-अलग मंत्रालयों/विभागों और दूसरे साझेदारों के साथ मिलकर हर वर्ष पोषण माह (सितम्‍बर के महीने) और पोषण पखवाड़ा (मार्च/अप्रैल के पखवाड़े में) के रूप में जन आंदोलन मनाए जाते हैं। स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार अभियान के साथ, 8वां राष्ट्रीय पोषण माह 17 सितम्‍बर, 2025 को माननीय प्रधानमंत्री ने धार, मध्य प्रदेश से शुरू किया था, जिसे 17 सितम्‍बर से 16 अक्टूबर 2025 तक महाराष्ट्र राज्य सहित देश भर के सभी आंगनवाड़ी केन्‍द्रों पर मनाया गया। इस पोषण माह के दौरान उठाए गए विषयों में शामिल हैं- मोटापे पर ध्यान देना, बचपन में देखभाल और शिक्षा (ईसीसीई), शिशु और छोटे बच्चों को खिलाने (आईवाईसीएफ) के तरीकों को मज़बूत करना, मेन-स्ट्रीमिंग, वोकल फ़ॉर लोकल, और कन्वर्जेंट एक्शन और डिजिटाइज़ेशन।

लाभार्थी की पहचान के मापदंडों में कोई बदलाव नहीं किया गया और सामान्‍य योग्‍यता नियमों को अपनाया गया, जैसे: बच्चे (0–6 साल), गर्भवती महिलाएं, दूध पिलाने वाली माताएं और टीनएज लड़कियां (एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट्स और नॉर्थ ईस्टर्न स्टेट्स के सभी जिलों से 14-18 साल), जैसा कि योजना के तहत लागू है। 8वें राष्ट्रीय पोषण माह के दौरान लाभार्थी की पहचान आंगनवाड़ी सेंटर पर की गई। जलगांव (महाराष्ट्र) और बागपत (उत्तर प्रदेश) समेत जिलों में भी यही मापदंड लागू किए गए।

8वें राष्ट्रीय पोषण माह के दौरान आंगनवाड़ी केन्‍द्रों पर की गई गतिविधियां जन आंदोलन डैशबोर्ड https://poshanabhiyaan.gov.in. in पर उपलब्ध हैं।

कुल मिलाकर, सभी 36 राज्यों/केन्‍द्र शासित प्रदेशों ने 18 से ज़्यादा साझेदार मंत्रालयों के साथ मिलकर नीचे दिए गए विषय पर 14.33 करोड़ गतिविधियों की रिपोर्ट दी है।

  • वोकल फॉर लोकल कैंपेन ने लोकल खाने की अलग-अलग तरह की चीज़ों और पारंपरिक पौष्टिक व्‍यंजनों पर ज़ोर दिया।
  • मातृ और बाल पोषण में सक्रिय पुरुष भागीदारी (1.63 करोड़): पोषण और स्‍वास्‍थ्‍य जागरूकता की कोशिशों में पुरुषों को पार्टनर के तौर पर शामिल किया गया।
  • बचपन में देखभाल और शिक्षा (ईसीसीई) (2.41 करोड़): गतिविधियों में छोटे बच्चों के पूरे विकास और सीखने की तैयारी पर ज़ोर दिया गया।
  • शिशु और छोटे बच्‍चों की फीडिंग (आईवाईसीएफ) प्रैक्टिस (2.53 करोड़): सेशन में सिर्फ़ ब्रेस्टफीडिंग और सही कॉम्प्लिमेंट्री फीडिंग को बढ़ावा दिया गया।
  • मोटापे पर ध्यान देना (2.85 करोड़): जागरूकता अभियान ने महिलाओं और बच्चों में संतुलित भोजन और शारीरिक फिटनेस को बढ़ावा दिया।

झारखंड राज्य में, चतरा लोकसभा क्षेत्र समेत, 8वें पोषण माह को स्वस्थ नारी सशक्त परिवार अभियान के साथ लागू किया गया। पोषण माह के दौरान आंगनवाड़ी-आधारित गतिविधियों, हेल्थ स्क्रीनिंग कैंप, लाभार्थी जुटाने और पोषण जागरूकता अभियान चलाए गए।

यह जानकारी महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री श्रीमती सावित्री ठाकुर ने आज लोकसभा में एक सवाल के जवाब में दी।

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