राजधानी में मेट्रो नेटवर्क के विस्तार को लेकर सरकार ने तीन नए मेट्रो रूट्स को मंजूरी दे दी है। इन परियोजनाओं पर करीब 12 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे और इनके पूरा होने से लगभग दो लाख लोगों को सीधा लाभ मिलने की उम्मीद है। खास बात यह है कि इनमें करीब 60 हजार सरकारी कर्मचारी भी शामिल हैं, जिनकी रोज़ाना की आवाजाही अब कहीं अधिक आसान और तेज़ हो सकेगी।
प्रस्तावित तीनों नए मेट्रो रूट्स का उद्देश्य दिल्ली के उन इलाकों को बेहतर कनेक्टिविटी देना है, जहां अभी सार्वजनिक परिवहन के विकल्प सीमित हैं या अत्यधिक भीड़ रहती है। सरकार का मानना है कि मेट्रो नेटवर्क के इस विस्तार से सड़क यातायात पर दबाव कम होगा, ट्रैफिक जाम की समस्या घटेगी और प्रदूषण नियंत्रण में भी मदद मिलेगी। खासकर दफ्तरों और प्रशासनिक परिसरों से जुड़े क्षेत्रों में काम करने वाले कर्मचारियों को इससे बड़ी राहत मिलेगी।
इन परियोजनाओं के तहत नए स्टेशन, इंटरचेंज और आधुनिक सिग्नलिंग सिस्टम विकसित किए जाएंगे। मेट्रो निर्माण में ऊर्जा दक्ष तकनीकों और पर्यावरण अनुकूल उपायों को प्राथमिकता देने की बात कही गई है। अधिकारियों के अनुसार, निर्माण कार्य चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा ताकि मौजूदा यातायात और जनजीवन पर न्यूनतम असर पड़े। साथ ही स्थानीय रोजगार के अवसर भी सृजित होने की संभावना जताई जा रही है।
सरकारी आकलन के मुताबिक, इन तीन नए रूट्स के शुरू होने के बाद रोज़ाना मेट्रो से यात्रा करने वालों की संख्या में उल्लेखनीय बढ़ोतरी होगी। इससे निजी वाहनों पर निर्भरता घटेगी और ईंधन की बचत के साथ-साथ कार्बन उत्सर्जन में भी कमी आएगी। राजधानी में तेजी से बढ़ती आबादी और शहरी विस्तार को देखते हुए मेट्रो नेटवर्क का यह विस्तार भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखकर किया गया है।
हालांकि परियोजनाओं की लागत और समयसीमा को लेकर कुछ सवाल भी उठ रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि तय बजट में समय पर काम पूरा करना एक बड़ी चुनौती होगी। इसके बावजूद सरकार का दावा है कि परियोजनाओं की नियमित निगरानी की जाएगी और पारदर्शिता बनाए रखी जाएगी।
कुल मिलाकर, दिल्ली में तीन नए मेट्रो रूट्स की मंजूरी राजधानी के सार्वजनिक परिवहन को नई गति देने वाला कदम है। इससे न केवल सरकारी कर्मचारियों और आम यात्रियों को सुविधा मिलेगी, बल्कि दिल्ली को एक अधिक टिकाऊ और आधुनिक शहर बनाने की दिशा में भी यह एक महत्वपूर्ण पहल साबित हो सकती है।