उत्तर प्रदेश में कड़ाके की ठंड और शीत लहर ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है। तापमान में लगातार गिरावट और घने कोहरे को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने छात्रों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए बड़ा फैसला लिया है। राज्य सरकार के निर्देश पर 1 जनवरी 2026 तक कक्षा 12वीं तक के सभी स्कूल बंद रखने का आदेश जारी किया गया है।
शीत लहर से बिगड़े हालात
मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश के अधिकांश जिलों में न्यूनतम तापमान सामान्य से काफी नीचे चला गया है। लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, प्रयागराज, गोरखपुर, मेरठ और आगरा समेत कई शहरों में सुबह के समय दृश्यता बेहद कम दर्ज की जा रही है। ठंडी हवाओं और कोहरे के कारण शीत लहर का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है, जिससे खासकर बच्चे और बुजुर्ग सबसे अधिक प्रभावित हो रहे हैं।
CM योगी का सख्त निर्देश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि स्कूल बंदी के आदेश का सख्ती से पालन कराया जाए। साथ ही यह भी कहा गया है कि जरूरत पड़ने पर स्थिति की समीक्षा कर आगे की अवधि बढ़ाने का निर्णय लिया जा सकता है। निजी और सरकारी, दोनों तरह के स्कूलों पर यह आदेश समान रूप से लागू होगा।
प्रशासन अलर्ट मोड पर
राज्य सरकार ने शीत लहर से बचाव के लिए जिला प्रशासन को अलर्ट रहने को कहा है। रैन बसेरों, अलाव और कंबलों की व्यवस्था तेज कर दी गई है। नगर निकायों को सार्वजनिक स्थानों पर अलाव जलाने और जरूरतमंदों को राहत सामग्री उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग को भी ठंड से जुड़ी बीमारियों पर नजर रखने के लिए सतर्क किया गया है।
अभिभावकों को राहत
स्कूल बंदी के फैसले से अभिभावकों और छात्रों ने राहत की सांस ली है। लंबे समय से जारी ठंड और कोहरे के कारण बच्चों को सुबह स्कूल भेजना जोखिम भरा साबित हो रहा था। विशेषज्ञों का कहना है कि ठंड के इस दौर में बच्चों की इम्युनिटी कमजोर हो सकती है, ऐसे में स्कूल बंद रखने का निर्णय समय पर लिया गया कदम है।
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार फिलहाल ठंड से तुरंत राहत मिलने के आसार कम हैं। आने वाले कुछ दिनों तक शीत लहर और घना कोहरा बना रह सकता है। ऐसे में नागरिकों को सावधानी बरतने और प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करने की सलाह दी गई है।