सक्रिय होने की आशंका जताई जा रही है। अलर्ट मिलते ही भारतीय सेना और अन्य सुरक्षा बलों ने संयुक्त रूप से सघन तलाशी एवं घेराबंदी अभियान शुरू कर दिया है।
सूत्रों के मुताबिक, ये आतंकी सीमावर्ती और पहाड़ी इलाकों में छिपकर मौजूद हैं, जहां भारी बर्फबारी और कठिन भौगोलिक परिस्थितियां सुरक्षा बलों के लिए चुनौती बनी हुई हैं। माना जा रहा है कि आतंकी समूह सर्दियों के मौसम का फायदा उठाकर अपनी गतिविधियों को अंजाम देने की फिराक में हैं। इसी आशंका के चलते सुरक्षा एजेंसियों ने समय रहते मोर्चा संभाल लिया है।
सेना ने उत्तरी कश्मीर और दक्षिण कश्मीर के संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त जवानों की तैनाती की है। ड्रोन, स्निफर डॉग्स और आधुनिक निगरानी उपकरणों की मदद से आतंकियों की संभावित आवाजाही पर कड़ी नजर रखी जा रही है। इसके अलावा, स्थानीय पुलिस और केंद्रीय सशस्त्र बलों के साथ समन्वय बनाकर तलाशी अभियान को और तेज किया गया है।
सुरक्षा अधिकारियों का कहना है कि प्राथमिक लक्ष्य आतंकियों की घुसपैठ की कोशिशों को नाकाम करना और किसी भी बड़ी वारदात को होने से पहले रोकना है। बर्फ से ढके जंगलों और पहाड़ों में चल रहा यह ऑपरेशन बेहद सतर्कता के साथ अंजाम दिया जा रहा है, ताकि आम नागरिकों को किसी तरह की परेशानी न हो।
इस बीच, सीमावर्ती गांवों में रहने वाले लोगों से सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत प्रशासन को देने की अपील की गई है। स्थानीय स्तर पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है और संवेदनशील मार्गों पर अतिरिक्त नाकाबंदी की गई है।
विशेषज्ञों का मानना है कि हाल के महीनों में आतंकियों की गतिविधियों में आई हलचल को देखते हुए यह ऑपरेशन राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से बेहद अहम है। सेना का स्पष्ट संदेश है कि आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
कुल मिलाकर, जम्मू-कश्मीर के बर्फीले इलाकों में चल रहा यह अभियान आने वाले दिनों में आतंकियों के नेटवर्क को कमजोर करने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हो सकता है। सुरक्षा बल पूरी मुस्तैदी के साथ हालात पर नजर बनाए हुए हैं।