दिल्ली-एनसीआर में एक बार फिर सर्दी के साथ प्रदूषण का कहर तेज हो गया है। शुक्रवार सुबह से ही पूरे क्षेत्र में घनी धुंध की मोटी चादर छाई रही, जिससे दृश्यता बेहद कम हो गई। इसके साथ ही वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) कई इलाकों में ‘खतरनाक’ श्रेणी में पहुंच गया, जिससे आम लोगों की सेहत पर गंभीर खतरा मंडराने लगा है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली के आनंद विहार, अशोक विहार, वजीरपुर और बवाना जैसे इलाकों में AQI 450 के पार दर्ज किया गया। नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम और फरीदाबाद में भी हालात चिंताजनक बने हुए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि कम हवा की रफ्तार, तापमान में गिरावट और नमी के कारण प्रदूषक तत्व वातावरण में फंस गए हैं, जिससे स्थिति और बिगड़ गई।
घनी धुंध और प्रदूषण का असर सड़क और रेल यातायात पर भी साफ नजर आ रहा है। कई जगहों पर सुबह के समय दृश्यता 50 मीटर से भी कम दर्ज की गई, जिसके चलते वाहन चालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। हवाई सेवाओं पर भी इसका असर पड़ा है और कुछ उड़ानों में देरी की सूचना मिली है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने खासतौर पर बुजुर्गों, बच्चों और सांस व हृदय रोग से पीड़ित लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी है। आंखों में जलन, गले में खराश, सांस लेने में दिक्कत और सिरदर्द जैसी शिकायतें तेजी से बढ़ रही हैं। डॉक्टरों का कहना है कि इस तरह के प्रदूषण में लंबे समय तक बाहर रहना गंभीर बीमारियों को न्योता दे सकता है।
प्रशासन ने हालात को देखते हुए लोगों से अनावश्यक बाहर न निकलने, मास्क पहनने और घरों में एयर प्यूरीफायर के इस्तेमाल की अपील की है। साथ ही, निर्माण गतिविधियों पर सख्ती और वाहनों से होने वाले उत्सर्जन पर नियंत्रण के निर्देश भी जारी किए गए हैं। हालांकि, विशेषज्ञ मानते हैं कि जब तक स्थायी समाधान नहीं अपनाए जाते, तब तक हर सर्दी में दिल्ली-एनसीआर को इसी तरह के प्रदूषण संकट का सामना करना पड़ेगा।
कुल मिलाकर, दिल्ली-एनसीआर में धुंध और प्रदूषण का यह नया दौर न केवल पर्यावरण बल्कि जनस्वास्थ्य के लिए भी गंभीर चेतावनी बनकर सामने आया है।