महाकुम्भ-2025 के अनुभवों और सीखों को विरासत के तौर पर पेश करने के लिए यहां हुए कार्यों की लर्निंग्स को प्रॉपर डॉक्यूमेण्टेशन के माध्यम से सहेजा जाए, जिससे आगे होने वाले आयोजनों के लिए भी यह मिसाल बनकर उभरे : मुख्यमंत्री
प्रयागराज महाकुम्भ-2025 की सफलता से देश का हर व्यक्ति अभिभूत, पूरी दुनिया से जो भी प्रयागराज आया, वह इसकी व्यवस्थाओं की सराहना करते नहीं थकता
हम असफल तब होते हैं, जब समस्या को देखकर भयभीत होने लगते हैं, हम सफल तब होते हैं, जब समस्या के समाधान पर हमारा ध्यान होता है, हम समाधान की ओर जाते हैं, तो नए रास्ते मिलते हैं और सफलता के नए प्रतिमान गढ़ना सम्भव हो जाता
प्रयागराज महाकुम्भ-2025 की अस्थायी सम्पत्ति का लाभ स्थानीय लोगों को मिलेगा, पड़ोसी जिलों में कनेक्टिविटी के कार्य में इसे उपयोग में लाया जाएगा
यहां पर डेढ़ लाख से अधिक शौचालय बनाए गए, वॉटर ए0टी0एम0 लगाए गए, प्रदेश के अन्य महत्वपूर्ण तीर्थस्थलों पर अब इनका इस्तेमाल कैसे हो सकता, इस पर विचार करना होगा
देश में पहली बार पुलिस ने एण्टी ड्रोन सिस्टम का उपयोग महाकुम्भ में सुरक्षा व्यवस्था में किया, इसे अन्य तीर्थों में भी लागू किया जाना चाहिए
लखनऊ, 27 फरवरी: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने प्रयागराज महाकुम्भ-2025 के सकुशल समापन पर पुलिस व स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि महाकुम्भ-2025 के अनुभवों और सीखों को विरासत के तौर पर पेश करने के लिए यहां हुए कार्यों की लर्निंग्स को प्रॉपर डॉक्यूमेण्टेशन के माध्यम से सहेजा जाए, जिससे आगे होने वाले आयोजनों के लिए भी यह मिसाल बनकर उभरे। महाकुम्भ-2025 की उपलब्धियों के साथ ही उन कमियों को भी इंगित किया जाए, जिससे आगे के आयोजनों में उसे दूर किया जा सके। मेला प्राधिकरण, स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर इस आयोजन की फाइंडिंग्स को आगे की पीढ़ी के लिए हस्तान्तरित किए जाने का कार्य भी होना चाहिए।
मुख्यमंत्री जी आज महाकुम्भनगर में पुलिस व स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों के साथ संवाद कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हम असफल तब होते हैं, जब समस्या को देखकर भयभीत होने लगते हैं, लेकिन हम सफल तब होते हैं, जब समस्या के समाधान पर हमारा ध्यान होता है। हम समाधान की ओर जाते हैं, तो हमें नए रास्ते भी मिलते हैं और सफलता के नए प्रतिमान भी गढ़ना सम्भव हो जाता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि 13 फरवरी से 26 फरवरी, 2025 के मध्य यानी पौष पूर्णिमा से महाशिवरात्रि की समयावधि के बीच प्रयागराज महाकुम्भ-2025 का आयोजन सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ है। इस आयोजन के समापन का आज का यह कार्यक्रम एक अविस्मरणीय क्षण है। इतने बड़े आयोजन के साथ आपको बहुत कुछ सीखने व जानने को मिलता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रयागराज महाकुम्भ-2025 की सफलता से देश का हर व्यक्ति अभिभूत है। पूरी दुनिया से जो कोई भी प्रयागराज आया, वह इस आयोजन की व्यवस्थाओं की सराहना करते नहीं थकता है। व्यवस्थाएं तो पहले भी कम-ज्यादा हुआ करती थीं, मगर पहले आयोजन इस स्केल पर नहीं होता था।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रयागराज में हुए महाकुम्भ के स्केल का अंदाजा वही लगा सकता है, जो प्रयागराज आया हो, देश-प्रदेश और दुनिया के किसी कोने में बैठकर अनर्गल टिप्पणी का औचित्य नहीं है। उन्होंने कहा कि जो भी प्रयागराज आया, उसने यहां की स्वच्छता और व्यवस्था की सराहना की। यहां आने वाले लोगों ने सुरक्षा, आपदा प्रबन्धन, ट्रैफिक और प्रत्येक स्तर पर हुए कार्यों की प्रशंसा की।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वे सोशल मीडिया के माध्यम से पूरी दुनिया से आ रहे कॉमेण्ट्स और फीडबैक्स तथा मीडिया के विभिन्न माध्यमों से भी आ रहे पॉजिटिव फीडबैक्स से अवगत हुए। प्रधानमंत्री जी के विजन व मार्गदर्शन में इस महाआयोजन के सफल आयोजन के बाद अब पूर्णाहुति का अवसर है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इतना बड़ा आयोजन हो गया, मगर किसी प्रकार की सुरक्षा में कोई चूक नहीं हुई। किसी प्रकार के आपराधिक या अराजकता की घटना नहीं हुई। महाकुम्भ ही नहीं, पूरे प्रदेश में ऐसी कोई घटना नहीं हुई, जिस पर किसी को अंगुली उठाने का अवसर मिले। सोशल मीडिया पर काहिरा समेत कहीं और के फोटो-वीडियो को यहां पर जबरन डालकर जबरन बदनाम करने का प्रयास हुआ, लेकिन प्रयागराज सहित प्रदेश में कहीं भी इस प्रकार की मंशाएं सफल नहीं हुईं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वाहनों के आवागमन के लिए भी सुचारु प्रबन्धन प्रक्रिया भी सराहनीय रही। काफी दबाव था, हम भी वह दबाव महसूस कर रहे थे इसलिए इसका डॉक्यूमेण्टेशन होना आवश्यक है। स्थानीय पुलिस और प्रशासन दोनों को मिलकर इस कार्य को पूरा करना होगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रयागराज महाकुम्भ-2025 की अस्थायी सम्पत्ति का लाभ भी स्थानीय लोगों को मिलेगा। पड़ोसी जिलों में कनेक्टिविटी के कार्य में इसे उपयोग में लाया जाएगा। चेकर्ड प्लेट, पॉण्टून पुल कुछ अन्य जनपदों में जाएंगे तथा कुछ यहीं रहेंगे। माघ मेले तथा वर्ष 2031 के कुम्भ मेले के लिए भी इसे सुरक्षित रखना होगा और मेला प्राधिकरण, नगर विकास व अन्य विभागों को अभी से इसकी तैयारी शुरू करनी होगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि यहां पर डेढ़ लाख से अधिक शौचालय बनाए गए हैं, वॉटर ए0टी0एम0 लगाए गए हैं। प्रदेश के अन्य महत्वपूर्ण तीर्थस्थलों पर अब इनका इस्तेमाल कैसे हो सकता है, इस पर विचार करना होगा। पेयजल लाइन, स्ट्रीट लाइट समेत सभी अस्थायी सम्पत्ति का इस्तेमाल नगर निगम प्रयागराज भी कर सकता है और प्रदेश के अन्य जिलों में भी इसका उपयोग किया जा सकता है। इनके इस्तेमाल की तैयारी और बाकायदा एक-एक आइटम की सूची तैयार किया जाना आवश्यक है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जल पुलिस तो पुलिस के नए रूप के तौर पर प्रयागराज में देखने को मिली। उत्तर प्रदेश फायर सर्विसेस से जुड़ी हुई सुविधाओं में नए इक्विप्मेण्ट आए हैं, जिनका प्रदेश में बेहतर उपयोग होना चाहिए। देश में पहली बार पुलिस ने एण्टी ड्रोन सिस्टम का उपयोग महाकुम्भ में सुरक्षा व्यवस्था में किया। इसे अन्य तीर्थों में भी लागू किया जाना चाहिए। उन्होंने एस0डी0आर0एफ0 के सकारात्मक कार्यों की भी तारीफ की। उन्होंने कहा कि 30 पॉण्टून पुल बिछाए गए, 500 किलोमीटर चेकर्ड प्लेट बिछायी गईं और यह कार्य जीरो एरर के साथ पूरे हुए। उन्होंने अधिकारियों द्वारा खुद सड़कों पर उतरकर ट्रैफिक व्यवस्था सुचारु कराने की भी प्रशंसा की।
कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री द्वय श्री केशव प्रसाद मौर्य एवं श्री ब्रजेश पाठक, जलशक्ति मंत्री और प्रयागराज के प्रभारी मंत्री श्री स्वतंत्र देव सिंह, नगर विकास मंत्री श्री ए0के0 शर्मा, औद्योगिक विकास मंत्री श्री नन्द गोपाल गुप्ता ‘नन्दी’, श्रम एवं सेवायोजन मंत्री श्री अनिल राजभर, परिवहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री दयाशंकर सिंह, प्रयागराज के महापौर श्री गणेश केसरवानी सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण तथा शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।