चंडीगढ़, 17 मार्च
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के निर्देशानुसार शुरू किए गए नशा विरोधी अभियान 'युद्ध नशों विरुद्ध' ने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई को गहरी चिंता में डाल दिया है। इस संबंध में पंजाब के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गौरव यादव ने सोमवार को स्पष्ट किया कि पंजाब पुलिस राज्य में स्थापित शांति और सौहार्द्र को प्रभावित करने की किसी भी कोशिश को सफल नहीं होने देगी। उन्होंने कहा कि खुफिया सूत्रों से संकेत मिले हैं कि इस अभियान की सफलता से परेशान आईएसआई अब इसे कमजोर करने के लिए नई साजिशें रच रही है।
डीजीपी गौरव यादव ने कहा, "पंजाब पुलिस सीमावर्ती राज्य में किसी भी प्रकार की अस्थिरता को पनपने नहीं देगी और जो भी शांति भंग करने की कोशिश करेगा, उसे कड़ी सजा दी जाएगी।" अमृतसर में ठाकुर द्वारा मंदिर पर हुए हमले के मुख्य आरोपी को पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई में मार गिराना इसी प्रतिबद्धता का एक उदाहरण है।
उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करने के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए, जिसमें वरिष्ठ पुलिस अधिकारी, विशेष डीजीपी, एडीजीपी और आईजीपी शामिल थे, डीजीपी ने बताया कि यह निर्णायक अभियान नशा तस्करों और ड्रग कोरियरों पर गहरी चोट कर रहा है। उन्होंने बताया कि अभियान का इतना प्रभावी असर पड़ा है कि अब कई तस्कर भी पाकिस्तानी गिरोहों द्वारा भेजे गए मादक पदार्थों को उठाने से कतरा रहे हैं, जिससे नशे की आपूर्ति श्रृंखला पर सीधा प्रभाव पड़ा है।
उन्होंने आगे बताया कि इस मुहिम के तहत असली तस्करों को निशाना बनाया जा रहा है, जबकि नशे के शिकार लोगों को परेशान करने के बजाय उन्हें उपचार हेतु नशा मुक्ति केंद्रों में भेजा जा रहा है। इस अभियान की निगरानी विशेष डीजीपी, एडीजीपी, आईजीपी और डीआईजी स्तर के अधिकारी कर रहे हैं, जिन्हें विभिन्न जिलों की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
डीजीपी ने पंजाब सरकार द्वारा गठित पांच सदस्यीय कैबिनेट सब-कमेटी के प्रयासों की सराहना की, जिसे वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा की अगुवाई में इस अभियान की निगरानी का दायित्व सौंपा गया है। उन्होंने बताया कि नशे की समस्या की गहराई तक जाने और इसे जड़ से समाप्त करने के लिए पंजाब पुलिस जिला-स्तरीय व्यापक मैपिंग कर रही है, ताकि प्रभावित क्षेत्रों में लक्ष्य आधारित कार्ययोजनाएं लागू की जा सकें।
इसके अतिरिक्त, पुलिस अधिकारियों, थाना प्रभारियों (एसएचओ), वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों (एसएसपी) और पुलिस आयुक्तों (सीपी) को स्पष्ट लक्ष्य दिए गए हैं, और उनके प्रदर्शन का मूल्यांकन उनके द्वारा हासिल किए गए नतीजों के आधार पर किया जाएगा।
इस अभियान के शुरुआती 17 दिनों के परिणाम साझा करते हुए डीजीपी ने बताया कि 1 मार्च 2025 से अब तक पंजाब पुलिस ने 2575 नशा तस्करों को गिरफ्तार किया है और 1651 मामले दर्ज किए हैं। पुलिस ने इस दौरान 95 किलो हेरोइन, 52 किलो अफीम, 1129 किलो भुक्की, 13.79 किलो गांजा, 7.25 लाख नशीली गोलियां/इंजेक्शन, 1 किलो आईसीई, 1.37 किलो कोकीन और 64 लाख रुपये की ड्रग मनी जब्त की है।
उन्होंने यह भी बताया कि हाल ही में शुरू की गई 'सेफ पंजाब' एंटी-ड्रग हेल्पलाइन 9779100200 को जनता से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है, जिसके जरिए लोग गुप्त रूप से नशा तस्करों की जानकारी साझा कर रहे हैं।
अंत में, डीजीपी गौरव यादव ने पंजाब के नागरिकों का इस अभियान में सहयोग के लिए धन्यवाद किया और कहा कि बिना जनसमर्थन के यह मिशन सफल नहीं हो सकता। उन्होंने बताया कि पंजाब पुलिस जनता और ग्राम रक्षा समितियों के साथ मिलकर बैठकें कर रही है ताकि अधिक से अधिक लोगों को इस मुहिम से जोड़ा जा सके।
युवाओं को सही दिशा में प्रेरित करने के लिए 'युवा सांझ' और खेल गतिविधियों जैसी पहलों को भी मजबूत किया जा रहा है, जिससे युवा सकारात्मक कार्यों में संलग्न हो सकें।