चंडीगढ़, 17 मार्च
पुलिसिंग की कार्यकुशलता में सुधार और जवाबदेही को सुदृढ़ करने के लिए पंजाब सरकार ने एक अहम प्रशासनिक निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के निर्देशों के तहत, अब किसी भी पुलिस थाने या यूनिट में तैनात मुख्य हवलदार (मुंशी) का कार्यकाल अधिकतम दो वर्ष तक सीमित रहेगा।
पंजाब के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गौरव यादव ने सोमवार को इस संबंध में आधिकारिक आदेश जारी किए। उन्होंने कहा, "पुलिस बल में पेशेवर विकास को प्रोत्साहित करने, जवाबदेही सुनिश्चित करने और दक्षता बढ़ाने के उद्देश्य से यह निर्णय लिया गया है कि किसी भी पुलिस थाने या यूनिट में मुख्य हवलदार (मुंशी) की नियुक्ति अधिकतम दो वर्षों के लिए ही होगी।"
आदेश के अनुसार, जैसे ही कोई अधिकारी दो वर्ष की अवधि पूरी करेगा, उसे किसी अन्य थाने या यूनिट में स्थानांतरित कर दिया जाएगा। यह निर्देश तत्काल प्रभाव से लागू होंगे, और सभी अधिकारियों को इसका सख्ती से पालन करना अनिवार्य होगा। आदेश की अवहेलना करने पर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
डीजीपी गौरव यादव ने इस फैसले को पूरी तरह से प्रशासनिक बताते हुए कहा कि इसका मकसद पुलिसिंग को अधिक गतिशील और जवाबदेह बनाना है।