मुख्य चुनाव आयोग ने मतदाता पहचान पत्र (वोटर आईडी) को आधार कार्ड से लिंक करने का अहम फैसला लिया है। इस पहल का उद्देश्य फर्जी मतदान रोकना और मतदाता सूची को अधिक पारदर्शी बनाना है।
क्यों जरूरी है आधार से वोटर आईडी लिंक करना?
चुनाव आयोग के अनुसार, देश में डुप्लीकेट और फर्जी वोटर आईडी की समस्या बढ़ रही थी। कई लोग एक से अधिक स्थानों पर वोटर लिस्ट में पंजीकृत थे, जिससे चुनाव प्रक्रिया में अनियमितताएं हो रही थीं। आधार से लिंक करने से यह सुनिश्चित होगा कि एक व्यक्ति केवल एक ही मतदाता सूची में पंजीकृत रहे।
कैसे करें आधार से वोटर आईडी लिंक?
चुनाव आयोग ने इस प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों विकल्प उपलब्ध कराए हैं:
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ऑनलाइन तरीका:
- NVSP (National Voter Service Portal) पर जाएं।
- ‘फॉर्म 6B’ भरें और आधार कार्ड की जानकारी दें।
- ओटीपी के जरिए सत्यापन करें।
- सफल लिंकिंग की पुष्टि प्राप्त करें।
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SMS के जरिए:
- अपने रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर से ECILINK <EPIC नंबर> <आधार नंबर> लिखकर 166 या 51969 पर भेजें।
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ऑफलाइन तरीका:
- अपने नजदीकी बीएलओ (Booth Level Officer) से संपर्क करें।
- आवश्यक दस्तावेज देकर फॉर्म भरें।
लिंकिंग की समय सीमा और लाभ
चुनाव आयोग ने 31 दिसंबर 2025 तक आधार-वोटर आईडी लिंकिंग की प्रक्रिया पूरी करने का लक्ष्य रखा है। इससे चुनाव प्रक्रिया और अधिक निष्पक्ष और पारदर्शी बनेगी, साथ ही फर्जी मतदाताओं पर रोक लगेगी।
आप भी जल्द से जल्द अपनी वोटर आईडी को आधार से लिंक कराकर इस सुधार में सहयोग दें!