केंद्रीय प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक के बाद, शंभू सीमा स्थित विरोध स्थल की ओर लौट रहे किसान नेताओं सरवन सिंह पंधेर और जगजीत सिंह डल्लेवाल सहित 12 से अधिक किसानों को पंजाब पुलिस ने मोहाली में हिरासत में ले लिया। इसी बीच, शंभू और खनौरी सीमाओं पर लगभग 3000 पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, खनौरी सीमा पर 200 से अधिक किसानों को हिरासत में लिया गया है। इसके अतिरिक्त, पंजाब पुलिस ने शंभू बॉर्डर पर किसानों द्वारा लगाए गए टेंट को हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। पंजाब और हरियाणा की सीमा से भी प्रदर्शनकारियों को हटाने की कार्रवाई जारी है।
सूत्रों के अनुसार, खनौरी सीमा और आसपास के संगरूर एवं पटियाला जिलों में इंटरनेट सेवाएं अस्थायी रूप से निलंबित कर दी गई हैं। इसके अलावा, पंजाब के अन्य हिस्सों में भी इंटरनेट सेवाएं बाधित की गई हैं।
इससे पहले, किसान नेता गुरमनीत सिंह मंगत ने आशंका व्यक्त की थी कि पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारियों को उनके विरोध स्थलों से हटाया जा सकता है। किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी सहित अपनी विभिन्न मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं।
किसानों को तब हिरासत में लिया गया जब वे केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में हुई बैठक से लौट रहे थे। मंगत के अनुसार, मोहाली में बड़ी संख्या में बैरिकेडिंग लगाकर प्रदर्शनकारियों को रोका गया और उन्हें हिरासत में लिया गया।
तीन घंटे से अधिक चली बैठक बिना किसी ठोस नतीजे के समाप्त हो गई। कृषि मंत्री चौहान ने कहा कि वार्ता सकारात्मक और रचनात्मक रही और बातचीत आगे भी जारी रहेगी। अगली बैठक चार मई को निर्धारित की गई है।
इस पुलिस कार्रवाई से औद्योगिक जगत में चिंता व्याप्त हो गई है। स्थानीय उद्योगों ने शंभू और खनौरी बॉर्डर बंद होने से व्यापार में भारी नुकसान की शिकायत की है।
विभिन्न किसान संगठनों के नेताओं, जिनमें अभिमन्यु कोहाड़, काका सिंह कोटरा और मंजीत सिंह राय शामिल हैं, को भी हिरासत में लिया गया है। इन विरोध स्थलों पर पुलिस बल की तैनाती बढ़ा दी गई है।
कई विपक्षी नेताओं ने किसानों की गिरफ्तारी को लेकर राज्य सरकार की निंदा की है। कांग्रेस नेता चरणजीत सिंह चन्नी ने इसे कृषि क्षेत्र पर हमला बताया, जबकि अकाली दल के नेता दलजीत सिंह चीमा ने इसे अलोकतांत्रिक करार दिया और तत्काल रिहाई की मांग की।
प्रदर्शनकारी किसान 13 फरवरी 2024 से शंभू और खनौरी सीमा पर डेरा डाले हुए हैं। वे अपनी मांगों को लेकर केंद्र सरकार पर दबाव बना रहे हैं। किसानों ने पुलिस कार्रवाई के विरोध में प्रदर्शन करते हुए सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और ट्रैक्टर-ट्रॉलियां सड़कों पर खड़ी कर दीं।
अकाली दल ने राज्य सरकार पर केंद्र के साथ मिलीभगत का आरोप लगाया और सभी गिरफ्तार किसान नेताओं को अविलंब रिहा करने की मांग की।