राज्यसभा सांसद रामजीलाल सुमन द्वारा भगवान श्रीराम और सनातन धर्म पर की गई विवादित टिप्पणी को लेकर देशभर में विरोध तेज हो गया है। श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना ने सख्त रुख अपनाते हुए स्पष्ट किया है कि अब सुमन की माफी भी स्वीकार नहीं की जाएगी। करणी सेना ने चेतावनी दी है कि वह जहां भी रामजीलाल सुमन मिलेंगे, वहीं पर विरोध किया जाएगा और जवाब दिया जाएगा।
करणी सेना का आक्रोश
करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सूर्य प्रताप सिंह ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि, "रामजीलाल सुमन ने करोड़ों सनातन धर्मियों की आस्था को ठेस पहुंचाई है। यह केवल एक समुदाय नहीं, बल्कि भारत की संस्कृति और परंपरा का अपमान है। अब उनकी कोई भी सफाई या माफी मंजूर नहीं की जाएगी। करणी सेना उनका हर स्तर पर सामाजिक बहिष्कार करेगी।"
सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता
करणी सेना के तीव्र विरोध के मद्देनज़र प्रशासन और खुफिया एजेंसियों ने अलर्ट जारी कर दिया है। संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है और रामजीलाल सुमन की सुरक्षा भी कड़ी कर दी गई है। कई स्थानों पर प्रदर्शन और पुतला दहन जैसे कार्यक्रम भी हो चुके हैं।
राजनीतिक हलचल तेज
इस विवाद ने राजनीतिक गलियारों में भी हलचल मचा दी है। विपक्षी दलों ने जहां करणी सेना के बयानों को "उग्र और असंवैधानिक" बताया है, वहीं भाजपा और उससे जुड़े संगठनों ने सुमन की टिप्पणी की निंदा की है और उन्हें सार्वजनिक रूप से माफी मांगने की सलाह दी है।
धार्मिक भावनाओं पर चोट नहीं बर्दाश्त
करणी सेना ने दोहराया है कि यह आंदोलन केवल किसी व्यक्ति विशेष के खिलाफ नहीं, बल्कि उस मानसिकता के खिलाफ है जो बार-बार सनातन संस्कृति को नीचा दिखाने की कोशिश करती है। संगठन ने चेतावनी दी है कि यदि ऐसे बयानों पर कार्रवाई नहीं हुई तो विरोध और उग्र रूप ले सकता है।