Friday, May 02, 2025
BREAKING
Weather: गुजरात में बाढ़ से हाहाकार, अब तक 30 लोगों की मौत; दिल्ली-एनसीआर में भारी बारिश की चेतावनी जारी दैनिक राशिफल 13 अगस्त, 2024 Hindenburg Research Report: विनोद अदाणी की तरह सेबी चीफ माधबी और उनके पति धवल बुच ने विदेशी फंड में पैसा लगाया Hindus in Bangladesh: मर जाएंगे, बांग्लादेश नहीं छोड़ेंगे... ढाका में हजारों हिंदुओं ने किया प्रदर्शन, हमलों के खिलाफ उठाई आवाज, रखी चार मांग Russia v/s Ukraine: पहली बार रूसी क्षेत्र में घुसी यूक्रेनी सेना!, क्रेमलिन में हाहाकार; दोनों पक्षों में हो रहा भीषण युद्ध Bangladesh Government Crisis:बांग्लादेश में शेख हसीना का तख्तापलट, सेना की कार्रवाई में 56 की मौत; पूरे देश में अराजकता का माहौल, शेख हसीना के लिए NSA डोभाल ने बनाया एग्जिट प्लान, बौखलाया पाकिस्तान! तीज त्यौहार हमारी सांस्कृतिक विरासत, इन्हें रखें सहेज कर- मुख्यमंत्री Himachal Weather: श्रीखंड में फटा बादल, यात्रा पर गए 300 लोग फंसे, प्रदेश में 114 सड़कें बंद, मौसम विभाग ने 7 अगस्त को भारी बारिश का जारी किया अलर्ट Shimla Flood: एक ही परिवार के 16 सदस्य लापता,Kedarnath Dham: दो शव मिले, 700 से अधिक यात्री केदारनाथ में फंसे Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने एससी एसटी की सब-कैटेगरी में आरक्षण को दी मंज़ूरी

संपादकीय

Met.Department forecast better monsoon: मौसम विभाग के आगामी बेहतर मानसून के अनुमान से देश के किसानों में खुशी की लहर

April 15, 2025 06:53 PM

सही समय पर बुवाई, बेहतर जल प्रबंधन और जागरूक नीति-निर्माण से किसान यकीनन उठा सकते हैं फायदा

 भुपेंद्र शर्मा, मुख्य संपादक , सिटी दर्पण, चंडीगढ़

जी हां हाल ही में भारतीय मौसम विभाग ने आगामी मानसून 2025 को लेकर किसानों और कृषि क्षेत्र के लिए राहत भरी खबर दी है। विभाग की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, इस वर्ष भारत में मानसून सामान्य से बेहतर रहने वाला है। देशभर में 105% बारिश की संभावना जताई गई है, जो दीर्घकालिक औसत से अधिक है। मौसम विभाग की इस भविष्यवाणी से न सिर्फ कृषि क्षेत्र में नई ऊर्जा का संचार हुआ है, बल्कि अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।भारतीय मौसम विभाग ने 2025 के लिए मानसून पूर्वानुमान में स्पष्ट किया है कि देश में दीर्घकालिक औसत के मुकाबले 105 प्रतिशत वर्षा की संभावना है। अगर बारिश 96% से 104% के बीच हो, तो उसे ‘सामान्य मानसून’ माना जाता है, जबकि 105% से 110% के बीच की बारिश को ‘सामान्य से बेहतर’ की श्रेणी में रखा जाता है। इस वर्ष का अनुमान - 105% बारिश, यह दर्शाता है कि देश के अधिकांश हिस्सों में न केवल समय पर बारिश होगी, बल्कि वर्षा की मात्रा भी अच्छी रहेगी। इससे खरीफ की फसलों को सीधा लाभ मिलेगा और कृषि उत्पादन में सुधार संभव है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, इस बार अल नीनो प्रभाव लगभग समाप्ति की ओर है। वर्ष 2023-24 के दौरान अल नीनो की उपस्थिति के कारण वर्षा में असमानता देखी गई थी, जिससे कई राज्यों में सूखे जैसे हालात बने थे। लेकिन अब, ला नीना के संकेत मिलने लगे हैं, जो आमतौर पर भारत में अच्छी वर्षा का संकेत माना जाता है। ला नीना एक समुद्री घटनाक्रम है, जिसमें प्रशांत महासागर की सतह का तापमान सामान्य से कम हो जाता है। इसके प्रभाव से भारत समेत दक्षिण एशियाई देशों में मानसून मजबूत होता है। मौसम विभाग ने यह स्पष्ट किया है कि जून के मध्य तक ला नीना स्थितियाँ विकसित हो सकती हैं, जिससे मानसून और भी सशक्त होगा। भारत की 60% से अधिक आबादी आज भी खेती पर निर्भर है, और मानसून इसका सबसे बड़ा आधार है। अच्छी बारिश का सीधा असर धान, मक्का, सोयाबीन, मूंगफली और कपास जैसी खरीफ फसलों की बुवाई, उत्पादन और गुणवत्ता पर पड़ता है।इस वर्ष सामान्य से बेहतर मानसून की भविष्यवाणी का मतलब है: किसानों को बुवाई के लिए पर्याप्त नमी मिलेगी, फसल की पैदावार में बढ़ोतरी होगी, खाद्य मुद्रास्फीति पर नियंत्रण संभव होगा और ग्रामीण आय में सुधार से उपभोग बढ़ेगा। खरीफ फसल 2025 के लिए ये पूर्वानुमान बेहद महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं। केंद्रीय कृषि मंत्रालय भी अब इस रिपोर्ट के आधार पर बुवाई रणनीति और खाद्य भंडारण योजनाओं को अंतिम रूप दे रहा है। मौसम विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर-पश्चिम भारत में सामान्य से थोड़ी कम, जबकि मध्य, दक्षिण और पूर्वी भारत में सामान्य से अधिक बारिश के आसार हैं। खासतौर से महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार, ओडिशा, झारखंड और दक्षिणी राज्यों में बेहतर मानसून की उम्मीद है। पूर्वी भारत (बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल) – सामान्य से 5-10% अधिक बारिश, दक्षिणी राज्य (केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु) – मानसून समय पर पहुंचेगा और मात्रा अच्छी रहेगी, राजस्थान और गुजरात – सामान्य से थोड़ी अधिक वर्षा के संकेत और उत्तर भारत (पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश) – सामान्य बारिश के आसार, लेकिन जून-जुलाई में अस्थिरता रह सकती है। भारतीय अर्थव्यवस्था में मानसून की भूमिका हमेशा से अहम रही है। खर्च योग्य ग्रामीण आय, विनिर्माण, खाद्य प्रसंस्करण और ग्रामीण बाजारों में मांग मानसून की सफलता पर निर्भर रहती है। अच्छे मानसून से निम्नलिखित क्षेत्रों में सुधार संभव है: कृषि उत्पादन में वृद्धि से जी डी पी को बढ़ावा, खाद्य पदार्थों की कीमतों में स्थिरता, ग्रामीण उपभोग में इज़ाफा। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि मानसून 105% या उससे अधिक रहता है, तो वित्तीय वर्ष 2025-26 की पहली छमाही में जी डी पी ग्रोथ रेट 7% के पार जा सकती है। देशभर के कई क्षेत्रों में पिछले वर्षों में भूजल स्तर गिरा है। वर्ष 2024 के अंत में दर्ज किए गए आंकड़ों के अनुसार, करीब 25% जिलों में भूजल स्तर औसत से नीचे है। लेकिन यदि मानसून मजबूत रहता है तो: जलाशय पुनर्भरण तेज़ी से होगा, कुएं और तालाब भरेंगे, जिससे सिंचाई सुविधा बेहतर होगी,शहरी जल संकट से राहत मिल सकती है। यह बदलाव दीर्घकालिक जल सुरक्षा और टिकाऊ कृषि के लिए बेहद जरूरी है।सरकार ने मौसम विभाग की रिपोर्ट के आधार पर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, खरीफ बुवाई अनुदान, और सिंचाई संबंधित स्कीमों को प्राथमिकता पर लेने के निर्देश दिए हैं। विशेषकर दुर्गम और सूखा संभावित क्षेत्रों में: किसानों को बीज किट और सब्सिडी वाली खाद उपलब्ध कराई जाएगी, जल संचयन और सूक्ष्म सिंचाई के लिए बजट बढ़ाया गया है और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लिए आपदा प्रबंधन की रूपरेखा भी तैयार की जा रही है। हालांकि 2025 का मानसून उत्साहजनक बताया जा रहा है, लेकिन जलवायु परिवर्तन के चलते मानसून के पैटर्न में अनियमितता आना अब आम हो गया है। कभी अत्यधिक वर्षा तो कभी लंबी सूखा अवधि – यह प्रवृत्ति फसलों के लिए जोखिम बढ़ा रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि: “हमें अच्छे मानसून का स्वागत जरूर करना चाहिए, लेकिन दीर्घकालिक जल प्रबंधन, फसल विविधीकरण और स्मार्ट कृषि की रणनीतियाँ भी विकसित करनी होंगी।” डॉ. मृत्युंजय महापात्रा, महानिदेशक, मौसम विभाग ने स्पष्ट किया कि, “यह वर्ष भारतीय कृषि के लिए सकारात्मक साबित हो सकता है। लेकिन राज्यों को स्थानीय मौसम डेटा के आधार पर योजनाएँ बनानी होंगी।” अंत में कह सकते हैं कि मानसून 2025 की भविष्यवाणी भारतीय खेती और अर्थव्यवस्था दोनों के लिए सकारात्मक संदेश लेकर आई है। 105% वर्षा, अल नीनो के कमजोर पड़ने, और ला नीना के आसार निश्चित तौर पर एक अच्छी फसल का संकेत देते हैं। मगर इस खुशी के साथ जिम्मेदारी भी जुड़ी है – सही समय पर बुवाई, बेहतर जल प्रबंधन और जागरूक नीति-निर्माण से ही इसका अधिकतम लाभ उठाया जा सकता है।

 

Have something to say? Post your comment

और संपादकीय समाचार

Reviving India's industrial capacity is the need of the hour: भारत की औद्योगिक क्षमता को पुनर्जीवित करना समय की मांग

Reviving India's industrial capacity is the need of the hour: भारत की औद्योगिक क्षमता को पुनर्जीवित करना समय की मांग

Decision to conduct caste census may be easy, but implementation is equally difficult: जातिगत जनगणना कराने का फैसला भले ही है मगर इस पर अमल करना उतना ही मुश्किल भी है

Decision to conduct caste census may be easy, but implementation is equally difficult: जातिगत जनगणना कराने का फैसला भले ही है मगर इस पर अमल करना उतना ही मुश्किल भी है

After the Pahalgam terror attack, Banke Bihari temple defeated hatred:

After the Pahalgam terror attack, Banke Bihari temple defeated hatred: "पहलगाम आतंकी हमले के बाद बांके बिहारी मंदिर ने नफरत को दी मात, मुस्लिम कारीगरों और कर्मचारियों के बहिष्कार की मांग ठुकराई"

Senior ED officials are under fire over fire incident in which the possibility of destruction of records of Mehul Choksi, Nirav Modi and politicians Chhagan Bhujbal and Anil Deshmukh in the fire at ED headquarters: ई डी के मुख्यालय की आग में मेहुल चोकसी, नीरव मोदी और राजनेता छगन भुजबल और अनिल देशमुख के मामलों के रिकार्ड नष्ट होने की आशंका से ई डी के वरिष्ठ अधिकारी सवालों के घेरे में

Senior ED officials are under fire over fire incident in which the possibility of destruction of records of Mehul Choksi, Nirav Modi and politicians Chhagan Bhujbal and Anil Deshmukh in the fire at ED headquarters: ई डी के मुख्यालय की आग में मेहुल चोकसी, नीरव मोदी और राजनेता छगन भुजबल और अनिल देशमुख के मामलों के रिकार्ड नष्ट होने की आशंका से ई डी के वरिष्ठ अधिकारी सवालों के घेरे में

Strict action against adulteration of food items: खाद्य पदार्थों में मिलावट पर सख्त कार्रवाई खासी ज़रूरी, अन्यथा भुगतने पड़ सकते हैं सामाजिक और आर्थिक दुष्परिणाम

Strict action against adulteration of food items: खाद्य पदार्थों में मिलावट पर सख्त कार्रवाई खासी ज़रूरी, अन्यथा भुगतने पड़ सकते हैं सामाजिक और आर्थिक दुष्परिणाम

From earth to sky... can Pakistan compete with India? Absolutely not...: धरती से आसमान तक... क्या पाकिस्तान भारत को टक्कर दे सकता है? कतई नहीं....

From earth to sky... can Pakistan compete with India? Absolutely not...: धरती से आसमान तक... क्या पाकिस्तान भारत को टक्कर दे सकता है? कतई नहीं....

Danger looms over India's startup ecosystem!: भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम पर मंडरा रहे हैं खतरे के बादल! दो सालों में 28,000 स्टार्टअप्स बंद

Danger looms over India's startup ecosystem!: भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम पर मंडरा रहे हैं खतरे के बादल! दो सालों में 28,000 स्टार्टअप्स बंद

Pahalgam terror attack: Kashmir tourism industry in danger: पहलगाम आतंकी हमला: कश्मीरी पर्यटन उद्योग पर मंडराते खतरे

Pahalgam terror attack: Kashmir tourism industry in danger: पहलगाम आतंकी हमला: कश्मीरी पर्यटन उद्योग पर मंडराते खतरे

Sustainable cities, balanced communities, action on climate change and reduction of inequality are vital for equitable development: समान विकास हेतु सतत् शहर, संतुलित समुदाय, जलवायु परिवर्तन पर कार्रवाई और असमानता में कमी खासे जरूरी

Sustainable cities, balanced communities, action on climate change and reduction of inequality are vital for equitable development: समान विकास हेतु सतत् शहर, संतुलित समुदाय, जलवायु परिवर्तन पर कार्रवाई और असमानता में कमी खासे जरूरी

India's groundwater exploitation has become the root of global crisis!: भारत का भूजल दोहन बना वैश्विक संकट की जड़! पृथ्वी की धुरी को कर रहा प्रभावित

India's groundwater exploitation has become the root of global crisis!: भारत का भूजल दोहन बना वैश्विक संकट की जड़! पृथ्वी की धुरी को कर रहा प्रभावित

By using our site, you agree to our Terms & Conditions and Disclaimer     Dismiss