चंडीगढ़, 19 अप्रैल:
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के निर्देश पर पंजाब को अपराधमुक्त और सुरक्षित राज्य बनाने के अभियान के तहत एक बड़ी सफलता मिली है। पंजाब पुलिस की एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (AGTF) ने एक संगठित अपराधी को गिरफ्तार किया है, जो खुद को कुख्यात अंतरराष्ट्रीय गैंगस्टर गोल्डी बराड़ का भाई बताकर फिरौती मांग रहा था।
पुलिस महानिदेशक (DGP) गौरव यादव ने शनिवार को जानकारी दी कि गिरफ्तार आरोपी की पहचान लवजीत सिंह, निवासी बरगाड़ी, फरीदकोट के रूप में हुई है, जो एक ऑटोमोबाइल शोरूम के मालिक से ₹1 करोड़ की जबरन वसूली की कोशिश कर रहा था। आरोपी ने पीड़ित और उसके परिवार को जान से मारने की धमकियां भी दी थीं।
वर्चुअल नंबर और सोशल मीडिया का किया इस्तेमाल
प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि लवजीत ने पुलिस की निगाहों से बचने के लिए वर्चुअल नंबरों और एन्क्रिप्टेड सोशल मीडिया ऐप्स का सहारा लिया। पुलिस को गुमराह करने के लिए उसने अपनी पहचान छिपाकर कॉल की और एक संगठित गिरोह का हिस्सा होने का दावा किया।
डीजीपी गौरव यादव ने बताया, "आजकल देखा जा रहा है कि कई शातिर अपराधी, जो किसी भी गैंग से नहीं जुड़े होते, वे कुख्यात गैंगस्टरों के नाम का डर दिखाकर फर्जी फिरौती कॉल कर रहे हैं। लोगों से अपील है कि ऐसी किसी भी कॉल की तुरंत पुलिस को सूचना दें।"
तीन महीने पहले भी हुआ था बड़ा खुलासा
उल्लेखनीय है कि तीन माह पूर्व पंजाब पुलिस ने मलेशिया से संचालित हो रहे एक अंतरराष्ट्रीय फिरौती रैकेट का भंडाफोड़ किया था। उस समय भी अपराधी खुद को लॉरेंस बिश्नोई गैंग का सदस्य बताकर प्रदेश के कई गायक, उद्योगपति और अमीर लोगों को निशाना बना रहे थे।
तकनीकी जानकारी और खुफिया ऑपरेशन से मिली सफलता
एडीजीपी प्रमोद बान, जो एजीटीएफ के प्रमुख हैं, ने बताया कि पुलिस को जबरन वसूली की शिकायत प्राप्त हुई थी, जिसके बाद तेजी से कार्रवाई की गई। तकनीकी विश्लेषण और खुफिया जानकारी के आधार पर कॉल करने वाले की सटीक पहचान की गई और मोहाली से आरोपी लवजीत सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया।
एआईजी गुरमीत सिंह चौहान ने बताया कि शुरुआती जांच से यह भी सामने आया है कि आरोपी को सोशल मीडिया का अत्यधिक शौक था और भव्य जीवनशैली की चाहत ने उसे अपराध की राह पर ले जाया।
उन्होंने यह भी कहा कि आरोपी द्वारा अन्य लोगों को टारगेट किए जाने की आशंका को देखते हुए आगे की जांच जारी है। पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आरोपी का संबंध किसी अंतरराष्ट्रीय या घरेलू गैंग से है या नहीं।
सोहाना पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज
इस मामले में एसएएस नगर के सोहाना थाने में भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धाराओं 308(2) और 351(2) के तहत एफआईआर संख्या 94, दिनांक 17 अप्रैल 2025 को दर्ज की गई है।
साइबर क्राइम और फर्जी पहचान की नई चुनौती
पुलिस अधिकारियों का मानना है कि यह मामला राज्य में साइबर आधारित संगठित अपराध की बढ़ती चुनौती को दर्शाता है। अपराधी अब एन्क्रिप्टेड ऐप्स और वर्चुअल आईडेंटिटी का उपयोग करके पुलिस से बचने और आम नागरिकों को डराने का नया तरीका अपना रहे हैं।
पंजाब पुलिस और विशेष रूप से एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स द्वारा की गई यह कार्रवाई राज्य में संगठित अपराध पर कड़ा प्रहार है। इस ऑपरेशन ने यह साबित कर दिया है कि सरकार और प्रशासन संगठित अपराध और फर्जी गैंगस्टर छवि बनाने वाले शातिर अपराधियों के खिलाफ पूरी तरह सजग है।
राज्य की जनता से अपील है कि वे किसी भी तरह की फिरौती कॉल, धमकी या संदेहास्पद गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें, ताकि 'नशा मुक्त और सुरक्षित पंजाब' की दिशा में उठाए गए कदम सफल हो सकें।