चंडीगढ़, 19 अप्रैल — पंजाब सरकार बिजली क्षेत्र में आमूलचूल सुधार लाने की दिशा में लगातार प्रयासरत है। राज्य के बिजली मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ ने शुक्रवार को जानकारी दी कि पंजाब स्टेट पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (पीएसपीसीएल) उपभोक्ता सेवाओं को बेहतर बनाने, राजस्व सृजन में वृद्धि करने और परिचालन प्रक्रिया को सरल बनाने में ऐतिहासिक प्रगति कर रहा है।
उपभोक्ताओं के लिए सुविधाजनक योजनाएं
पीएसपीसीएल ने बीते वित्त वर्ष में विभिन्न पहलों को सफलतापूर्वक लागू किया। इनमें सबसे प्रमुख है 'वन टाइम सेटलमेंट (OTS)' स्कीम, जो 23 सितंबर 2024 को शुरू की गई और 22 दिसंबर 2024 तक लागू रही। यह योजना कृषि पंप सेट और सरकारी कनेक्शन छोड़कर बाकी सभी बकायेदार उपभोक्ताओं के लिए थी। योजना के अंतर्गत सरचार्ज में राहत और विलंब शुल्क में कटौती जैसे प्रावधानों ने हजारों उपभोक्ताओं को राहत दी।
इसके अलावा, "वलंटरी डिस्क्लोजर स्कीम (VDS)" भी काफी सफल रही। कृषि उपभोक्ताओं को अपने ट्यूबवेल कनेक्शन में अतिरिक्त मोटर लोड को बहुत रियायती दरों पर नियमित करने की सुविधा मिली। योजना के अंतर्गत किसानों को प्रति बीएचपी ₹4750 की बजाय ₹2500 सेवा शुल्क और ₹400 की बजाय ₹200 की सुरक्षा राशि का भुगतान करना पड़ा। इस योजना के तहत 84,118 किसानों ने 3.68 लाख बीएचपी लोड नियमित कर ₹83 करोड़ की बचत की।
घरेलू और व्यावसायिक उपभोक्ताओं को भी लाभ
DS (डोमेस्टिक सप्लाई) और NRS (नॉन-रेजिडेंशियल सप्लाई) उपभोक्ताओं के लिए वीडीएस योजना ने 50 किलोवाट (DS) और 20 किलोवाट (NRS) तक के अतिरिक्त लोड को मान्य करने की सुविधा दी। इस पहल के जरिए सेवा शुल्क में 50% की कटौती की गई, जिससे 3.15 लाख DS और 15,496 NRS उपभोक्ताओं ने लाभ उठाया। इससे 75.6 मेगावाट तक लोड में वृद्धि और ₹93 करोड़ से अधिक का राजस्व प्राप्त हुआ।
औद्योगिक सुधारों की दिशा में ठोस पहल
उद्योग क्षेत्र में सुधारों के अंतर्गत कॉन्फ़िगरेशन डिमांड को तेजी से प्रोसेस करने की सुविधा दी गई। अब 500 kVA तक की अतिरिक्त मांग को 15 दिनों में स्वीकृति मिलती है। इसके साथ ही 500 kVA से 2000 kVA तक के कनेक्शनों के लिए व्यवहार्यता रिपोर्ट की आवश्यकता को समाप्त कर दिया गया है।
150 kW/kVA तक के लोड के लिए चार्ज अब लाइन की लंबाई पर निर्भर नहीं करता। इसके बजाय प्रति यूनिट दर पर गणना की जाती है, जिससे मांग नोटिसों की प्रक्रिया सरल हुई है। साथ ही, 11 kV वोल्टेज स्तर पर अधिकतम लोड सीमा को 4 MVA से बढ़ाकर 5 MVA कर दिया गया है।
सीजनल उद्योगों और सौर ऊर्जा को बढ़ावा
सीजनल उद्योगों जैसे कि कपास जिनिंग, राइस मिल्स, ब्रान स्टेब्लाइजेशन यूनिट्स और किंनू ग्रेडिंग केंद्रों के लिए बिलिंग वर्ष को अब 1 अप्रैल से 31 मार्च किया गया है, जिससे संचालन में आसानी हुई है।
सौर ऊर्जा को प्रोत्साहित करते हुए, 10 kWp तक के सोलर सिस्टम्स को तकनीकी स्वीकृति की आवश्यकता से मुक्त कर दिया गया है। 10 kWp से बड़े सिस्टम्स के लिए स्वीकृति की समयसीमा घटाकर 15 दिन कर दी गई है।
डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन की दिशा में मजबूत कदम
पीएसपीसीएल ने आधार आधारित ई-केवाईसी प्रणाली को लागू करके डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन में बड़ी उपलब्धि हासिल की है। अब 100 kW/kVA तक के सभी DS और NRS कनेक्शन के लिए आवेदन प्रक्रिया सिंगल विंडो सिस्टम से जोड़ी गई है। आधार सत्यापन के चलते अब उपभोक्ताओं को आईडी प्रूफ या हस्ताक्षरित सहमति फॉर्म जमा कराने की आवश्यकता नहीं है। इससे कागज़ रहित, तेज और पारदर्शी प्रक्रिया सुनिश्चित हुई है।
राज्य सरकार की दृष्टि और प्रतिबद्धता
बिजली मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ ने कहा कि यह बदलाव मुख्यमंत्री भगवंत मान की दूरदर्शिता और नागरिकों के हितों के प्रति समर्पण का परिणाम है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसानों को निर्बाध बिजली आपूर्ति, पर्यावरणीय स्थिरता और डिजिटल नवाचार को प्राथमिकता दे रही है।
पंजाब का बिजली विभाग अब सिर्फ ऊर्जा आपूर्ति तक सीमित नहीं रह गया है, बल्कि यह उपभोक्ता-केन्द्रित सेवाओं, डिजिटल नवाचार और औद्योगिक अनुकूलता की दिशा में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। पीएसपीसीएल की हालिया उपलब्धियां इस बात का प्रमाण हैं कि पंजाब सरकार ऊर्जा क्षेत्र में देशभर में एक मिसाल कायम कर रही है।