चंडीगढ़, 19 अप्रैल
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब को नशा मुक्त बनाने के उद्देश्य से चलाए जा रहे विशेष अभियान "युद्ध नशों विरुद्ध" को आज 50 दिन पूरे हो गए। इस मौके पर राज्यभर में पंजाब पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई में 131 नशा तस्करों को गिरफ्तार किया गया, जिनके पास से 1.7 किलोग्राम हेरोइन और 3.5 किलोग्राम अफीम जब्त की गई है। इस व्यापक मुहिम के तहत अब तक 6737 आरोपी पुलिस की गिरफ्त में आ चुके हैं।
यह राज्यव्यापी ऑपरेशन पुलिस महानिदेशक (DGP) गौरव यादव के मार्गदर्शन में पंजाब के सभी 28 जिलों में एक साथ चलाया गया, जिसमें व्यापक स्तर पर दबिश दी गई।
मुख्यमंत्री की सतर्क निगरानी
पंजाब सरकार ने इस मादक पदार्थ विरोधी अभियान को मिशन मोड में लिया है। मुख्यमंत्री मान ने सभी पुलिस कमिश्नरों, डिप्टी कमिश्नरों, और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि किसी भी हालत में नशे के कारोबार को खत्म किया जाए। सरकार ने वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा की अध्यक्षता में एक 5 सदस्यीय कैबिनेट सब-कमेटी भी गठित की है, जो इस मिशन की निगरानी कर रही है।
2000 से अधिक पुलिसकर्मी, 220 टीमें मैदान में
स्पेशल डीजीपी कानून-व्यवस्था अर्पित शुक्ला ने जानकारी दी कि इस बड़े ऑपरेशन में 100 वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की निगरानी में 2000 से ज्यादा पुलिसकर्मियों ने हिस्सा लिया। कुल 220 से अधिक टीमों ने 468 स्थानों पर छापेमारी की। इस दौरान 82 एफआईआर दर्ज की गईं और 528 संदिग्धों से पूछताछ की गई।
अवैध संपत्तियों पर भी कार्रवाई
जालंधर पुलिस ने नगर निगम के सहयोग से नशा तस्करों की अवैध संपत्तियों पर भी शिकंजा कसा। जालंधर में तीन नशा तस्करों—लखवीर कौर, संदीप कुमार, और सूरज—के गैर-कानूनी रूप से बनाए गए मकानों को गिराया गया। इन आरोपियों के खिलाफ पहले से NDPS एक्ट के तहत आठ मामले दर्ज हैं।
तीन-स्तरीय रणनीति: प्रवर्तन, नशा मुक्ति और रोकथाम
अर्पित शुक्ला ने बताया कि पंजाब सरकार की रणनीति तीन स्तंभों पर आधारित है:
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प्रवर्तन (Enforcement)
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नशा मुक्ति (De-addiction)
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रोकथाम (Prevention)
इस नीति के तहत आज दो व्यक्तियों को पुनर्वास केंद्रों में दाखिल करवा कर उन्हें नशामुक्त जीवन की ओर प्रेरित किया गया।
मेडिकल स्टोरों पर निगरानी
नशों की अवैध दवाओं की बिक्री पर शिकंजा कसते हुए, पंजाब पुलिस ने श्री मुक्तसर साहिब, फरीदकोट, मोगा, फिरोज़पुर और फाज़िल्का जिलों में कुल 141 मेडिकल दुकानों की जांच की। यह जांच सुनिश्चित करने के लिए की गई कि क्या ये दुकानें नियंत्रित नशीली दवाइयों के नियमों का पालन कर रही हैं या नहीं।