दिल्ली सरकार ने राजधानी के निजी स्कूलों की मनमानी पर लगाम कसने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। दिल्ली कैबिनेट ने 'दिल्ली स्कूल फीस नियंत्रण (संशोधन) अधिनियम' को मंजूरी दे दी है, जिसका उद्देश्य अभिभावकों को मनमानी फीस वृद्धि से राहत दिलाना और शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता सुनिश्चित करना है।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने घोषणा करते हुए कहा कि यह कानून निजी स्कूलों की मनमानी फीस वसूली, प्रवेश शुल्क, डेवलपमेंट चार्ज और वार्षिक शुल्क में मनमानी वृद्धि जैसे मामलों को नियंत्रित करेगा। सरकार की ओर से साफ किया गया है कि अब कोई भी निजी स्कूल मनमाने ढंग से फीस नहीं बढ़ा सकेगा। यदि किसी विद्यालय को फीस बढ़ानी है तो उसे शिक्षा निदेशालय से पूर्व अनुमति लेनी होगी।
कैबिनेट की मंजूरी के बाद शिक्षा निदेशालय ने शहर के सैकड़ों निजी स्कूलों को नोटिस भी जारी किए हैं, जिन पर पिछले वर्षों में गैरकानूनी तरीके से फीस बढ़ाने के आरोप लगे थे। इन विद्यालयों से जवाब मांगा गया है और जवाब संतोषजनक नहीं मिलने पर कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
यह अधिनियम आने वाले विधानसभा सत्र में पारित होने के बाद प्रभावी रूप से लागू होगा। सरकार ने अभिभावकों से भी अपील की है कि यदि किसी स्कूल में अवैध फीस वसूली होती है, तो वे संबंधित अधिकारियों को शिकायत करें।