गुजरात में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई करते हुए लगभग 2,000 से अधिक मकानों को ध्वस्त कर दिया है। यह अभियान राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में चलाया गया, जिसमें खासतौर से सीमावर्ती और औद्योगिक क्षेत्रों को टारगेट किया गया, जहां बड़ी संख्या में अवैध रूप से बसने की शिकायतें मिल रही थीं।
अधिकारियों के मुताबिक, यह कार्रवाई राज्य की आंतरिक सुरक्षा और जनसांख्यिकीय संतुलन को ध्यान में रखते हुए की गई है। स्थानीय प्रशासन ने पुलिस और नगर निगम के साथ संयुक्त रूप से अभियान चलाते हुए चिन्हित इलाकों में अवैध बस्तियों को हटाया। इन घरों में रह रहे अधिकांश लोगों के पास भारतीय नागरिकता के प्रमाण नहीं थे और जांच के दौरान उनकी पहचान बांग्लादेशी नागरिकों के रूप में हुई।
प्रशासन ने पहले ही नोटिस जारी कर इन लोगों को स्वयं हटने का मौका दिया था, लेकिन जब वे निर्धारित समय पर स्थान खाली नहीं कर सके, तो बुलडोजर कार्रवाई शुरू की गई। इस अभियान को लेकर राजनीतिक हलकों में भी चर्चा तेज हो गई है। एक ओर जहां सरकार इसे कानून व्यवस्था की दिशा में आवश्यक कदम बता रही है, वहीं कुछ संगठनों ने इसे मानवीय संकट करार देते हुए विरोध जताया है।
फिलहाल, सरकार ने साफ कर दिया है कि राज्य में अवैध घुसपैठ बर्दाश्त नहीं की जाएगी और ऐसे तत्वों के खिलाफ कठोर कार्रवाई जारी रहेगी। सुरक्षा एजेंसियां इन प्रवासियों की एंट्री के रूट और नेटवर्क का भी पता लगाने में जुटी हैं।