भारतीय वायुसेना ने एक बार फिर अपनी रणनीतिक ताकत का प्रदर्शन करते हुए इतिहास रच दिया है। पहली बार देश में किसी एक्सप्रेसवे पर देर रात लड़ाकू विमानों की सफल लैंडिंग करवाई गई। यह ऐतिहासिक अभ्यास उत्तर प्रदेश के गंगा एक्सप्रेसवे पर किया गया, जिसमें मिराज-2000 और सुखोई-30 जैसे शक्तिशाली विमानों ने भाग लिया।
रात के अंधेरे में यह लैंडिंग ऑपरेशन किसी युद्धकालीन स्थिति की तैयारी का हिस्सा था। वायुसेना के अनुसार, इस प्रकार के अभ्यासों का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि आपात स्थिति में भी देश की सामरिक तैयारियों में कोई कमी न रहे। गंगा एक्सप्रेसवे को सैन्य दृष्टिकोण से सक्षम बनाने के लिए विशेष रूप से तैयार किया गया है ताकि आवश्यक समय पर इसे रनवे के रूप में उपयोग किया जा सके।
इस अभ्यास के दौरान विमान पूरी गति से एक्सप्रेसवे पर उतरे और कुछ ही पलों में पुनः उड़ान भर ली। सेना और स्थानीय प्रशासन की संयुक्त तैयारियों ने इस अभियान को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई।
यह ऑपरेशन न सिर्फ भारत की सैन्य तैयारियों का प्रमाण है, बल्कि यह एक सख्त संदेश भी है कि देश किसी भी चुनौती से निपटने के लिए हर मोर्चे पर तैयार है। इस उपलब्धि से देश की रणनीतिक क्षमता को नई मजबूती मिली है और दुश्मन को साफ संदेश गया है—अब देश की सीमाओं के पास कोई भी हलचल बर्दाश्त नहीं की जाएगी।