भारत सरकार ने पाकिस्तान के साथ बढ़ते कूटनीतिक और सुरक्षा संबंधी तनाव के मद्देनजर एक बड़ा आर्थिक फैसला लेते हुए पाकिस्तान से सभी प्रकार के आयात पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है। यह निर्णय न केवल व्यापारिक दृष्टिकोण से अहम है, बल्कि भारत की कूटनीतिक रणनीति में भी एक सख्त संदेश के रूप में देखा जा रहा है।
वाणिज्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, यह निर्णय राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि पाकिस्तान के साथ व्यापारिक संबंध तब तक बहाल नहीं किए जाएंगे जब तक वह आतंकवाद पर ठोस कार्रवाई नहीं करता और सीमा पर उकसावे वाली गतिविधियां बंद नहीं करता।
पहले भी लगे थे प्रतिबंध
गौरतलब है कि भारत ने फरवरी 2019 में पुलवामा आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान को दिया गया 'मोस्ट फेवर्ड नेशन' (MFN) का दर्जा वापस ले लिया था और कई उत्पादों पर उच्च सीमा शुल्क लगाया गया था। इसके बाद दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार लगभग शून्य पर पहुंच गया था। अब सरकार ने यह निर्णय लेकर शेष बचे सीमित आयात को भी पूरी तरह रोक दिया है।
किन उत्पादों पर पड़ेगा असर?
हालांकि भारत और पाकिस्तान के बीच औपचारिक व्यापार पहले से ही न्यूनतम स्तर पर था, फिर भी सीमित रूप से कुछ वस्तुएं जैसे कि प्लास्टिक उत्पाद, मसाले, कपड़ा सामग्री, सीमेंट और खनिज आयात किए जा रहे थे। इन सभी पर अब पूर्ण प्रतिबंध लागू हो गया है। साथ ही, पंजाब और राजस्थान सीमा पर स्थित व्यापारिक चौकियों को अस्थायी रूप से बंद करने के भी आदेश दिए गए हैं।
सुरक्षा और कूटनीति की प्राथमिकता
इस फैसले से यह स्पष्ट संकेत गया है कि भारत अब अपनी कूटनीति में आर्थिक मोर्चे को भी एक प्रभावी हथियार की तरह इस्तेमाल कर रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति पर सीधा प्रभाव डालेगा, जो पहले ही वित्तीय संकट और विदेशी कर्ज के बोझ से जूझ रहा है।
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया
इस फैसले पर अब तक पाकिस्तान की ओर से आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन वहां की मीडिया में इसे "शत्रुतापूर्ण रवैया" करार दिया जा रहा है। वहीं भारत में इस कदम को लेकर राजनीतिक दलों और आम जनमानस की ओर से मिश्रित प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है।
भारत का यह कदम साफ तौर पर दिखाता है कि वह अब राष्ट्रीय सुरक्षा और रणनीतिक हितों के मामले में किसी भी तरह की नरमी के पक्ष में नहीं है। ऐसे में आने वाले दिनों में दोनों देशों के रिश्तों में और तल्खी बढ़ने की आशंका है।