रूस-यूक्रेन युद्ध एक बार फिर तनावपूर्ण मोड़ पर पहुंच गया है। यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने मॉस्को में 9 मई को आयोजित होने वाले विजय दिवस समारोह को लेकर बड़ा बयान देते हुए कहा है कि रूस की राजधानी आने वाले विदेशी प्रतिनिधियों की सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं दी जा सकती। जेलेंस्की के इस बयान को अप्रत्यक्ष चेतावनी माना जा रहा है, जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हलचल बढ़ गई है।
जेलेंस्की का बयान और इसके निहितार्थ
जेलेंस्की ने कहा कि यूक्रेन पर रूसी हमलों का जवाब देना उनका संवैधानिक और रणनीतिक अधिकार है। ऐसे में यदि रूस 9 मई को विजय दिवस पर आक्रमण की योजना बनाता है या किसी सैन्य प्रदर्शन का आयोजन करता है, तो वह यूक्रेनी प्रतिक्रिया की जिम्मेदारी खुद लेगा। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि युद्ध के हालात में मॉस्को जैसे स्थान पर किसी विदेशी प्रतिनिधिमंडल की सुरक्षा की कोई जिम्मेदारी यूक्रेन नहीं लेगा।
रूस की तीखी प्रतिक्रिया
यूक्रेनी राष्ट्रपति की टिप्पणी पर रूसी प्रतिक्रिया बेहद सख्त रही। क्रेमलिन ने आधिकारिक बयान में कहा कि यदि 9 मई को मॉस्को पर कोई हमला होता है, तो "10 मई की सुबह कीव अस्तित्व में नहीं रहेगा।" रूसी अधिकारियों ने यह भी स्पष्ट किया कि किसी भी प्रकार की उकसावे वाली कार्रवाई का जवाब पूरी ताकत से दिया जाएगा। यह बयान रूस के उस रुख को दर्शाता है जिसमें वह अपनी संप्रभुता और प्रतीकात्मक आयोजनों को किसी भी सूरत में बाधित नहीं होने देना चाहता।
विजय दिवस की संवेदनशीलता
गौरतलब है कि रूस 9 मई को द्वितीय विश्व युद्ध में नाजी जर्मनी पर मिली जीत के उपलक्ष्य में विजय दिवस मनाता है। यह दिन रूस के लिए बेहद भावनात्मक और राष्ट्रीय गौरव से जुड़ा हुआ है। ऐसे में इस दिन पर किसी भी सैन्य या राजनयिक संकट की आशंका बेहद संवेदनशील मानी जाती है।
जेलेंस्की और क्रेमलिन के तीखे बयानों के बीच अब पूरा विश्व देख रहा है कि 9 मई को क्या होता है। यह स्पष्ट है कि इस तारीख को सिर्फ सैन्य प्रदर्शन ही नहीं, बल्कि संभावित संघर्ष का संकेत भी माना जा सकता है।