नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनज़र सुरक्षा बलों की सतर्कता और प्रतिक्रिया क्षमता को परखने के लिए भारतीय सेना 7 मई को एक महत्वपूर्ण मॉक ड्रिल आयोजित करने जा रही है। इस अभ्यास का उद्देश्य सीमाई इलाकों में संभावित खतरे की स्थिति में त्वरित और प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित करना है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA), रक्षा मंत्री और शीर्ष सैन्य अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक कर सेना, वायुसेना और नौसेना की तैयारियों की व्यापक समीक्षा की। बैठक में पाकिस्तान की ओर से हो रही घुसपैठ, ड्रोन गतिविधियों और आतंकी लॉन्चपैड्स पर चर्चा हुई।
सूत्रों के अनुसार, 7 मई को होने वाली यह मॉक ड्रिल तीनों सेनाओं के समन्वय से संचालित होगी और इसमें रियल टाइम सिचुएशन को आधार बनाकर प्रतिरोधात्मक रणनीतियों का परीक्षण किया जाएगा। भारत की ओर से यह संदेश स्पष्ट है कि हर परिस्थिति से निपटने को लेकर वह पूरी तरह से तैयार है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह अभ्यास न केवल सामरिक सतर्कता का संकेत है बल्कि पाकिस्तान को यह कड़ा संदेश भी देता है कि भारत की सैन्य और राजनीतिक नेतृत्व हर हालात पर बारीकी से नजर रखे हुए हैं।