नई दिल्ली/इस्लामाबाद: भारत ने आतंकवाद के खिलाफ एक और निर्णायक कदम उठाते हुए पाकिस्तान के कब्जे वाले क्षेत्र (PoK) में घुसकर 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत आतंकियों के नौ ठिकानों को निशाना बनाया। इस कार्रवाई में तीन आतंकियों के मारे जाने और 12 के घायल होने की पुष्टि हुई है। रक्षा सूत्रों के अनुसार यह हमला विशेष रूप से जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठनों की गतिविधियों को निष्क्रिय करने के उद्देश्य से किया गया।
रात के अंधेरे में सटीक वार
सुरक्षा एजेंसियों से मिली जानकारी के अनुसार यह एयर स्ट्राइक सोमवार तड़के करीब 3:30 बजे की गई। भारतीय वायुसेना के मिराज-2000 और सुखोई-30 एमकेआई फाइटर जेट्स ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के भीतर आतंकियों के ट्रेनिंग कैंपों को सफलतापूर्वक निशाना बनाया। ये हमले बेहद सटीक और योजनाबद्ध थे, जिससे आतंकियों को भारी नुकसान हुआ।
इंटेलिजेंस इनपुट के आधार पर कार्रवाई
सूत्रों के अनुसार भारतीय खुफिया एजेंसियों को बीते कुछ सप्ताहों से इन ठिकानों की गतिविधियों की पुख्ता जानकारी मिल रही थी। इनपुट में यह भी सामने आया था कि इन कैंपों में आत्मघाती हमलावरों की ट्रेनिंग चल रही थी और भारत में बड़े हमलों की योजना बनाई जा रही थी। इस खतरे को भांपते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल और रक्षा मंत्रालय ने ऑपरेशन को मंजूरी दी।
‘नो वार, नो टॉलरेंस’ नीति की मिसाल
ऑपरेशन सिंदूर भारत की ‘नो टॉलरेंस फॉर टेररिज्म’ नीति का प्रतीक है। भारत सरकार पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि आतंकवाद को पनाह देने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। यह हमला एक बार फिर दर्शाता है कि भारत अपनी सुरक्षा को लेकर कोई समझौता नहीं करता। प्रधानमंत्री कार्यालय ने भी इस कार्रवाई पर संतोष जताते हुए कहा कि "देश की सुरक्षा सर्वोपरि है और भारत अपने नागरिकों को हर हाल में सुरक्षित रखने के लिए प्रतिबद्ध है।"
पाकिस्तान में मचा हड़कंप, आधिकारिक चुप्पी
हमले के बाद पाकिस्तान सरकार की ओर से अभी तक कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि, पाकिस्तानी मीडिया में इससे जुड़ी खबरें तेजी से वायरल हो रही हैं। कई स्थानीय चैनलों ने यह स्वीकार किया है कि "रात के अंधेरे में तेज धमाकों की आवाजें सुनी गईं और सेना को मौके पर भेजा गया।"
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं और कूटनीतिक रणनीति
भारतीय विपक्ष ने भी इस कार्रवाई को सराहा है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने कहा, "जब बात आतंकवाद की आती है तो हम सरकार के साथ हैं। यह कार्रवाई साहसिक और आवश्यक थी।" वहीं, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अमेरिका, फ्रांस और इजरायल जैसे देशों ने भारत के आत्मरक्षा के अधिकार को उचित ठहराया है।
अतीत की कड़ी में नया अध्याय
यह कार्रवाई 2016 के सर्जिकल स्ट्राइक और 2019 की बालाकोट एयर स्ट्राइक की याद दिलाती है। ऑपरेशन सिंदूर उसी रणनीतिक सोच का विस्तार है, जिसके तहत आतंकवाद के केंद्रों पर सीधे प्रहार कर भारत अपनी सैन्य श्रेष्ठता और राजनीतिक इच्छाशक्ति दोनों का प्रदर्शन करता है।
ऑपरेशन सिंदूर भारत की सख्त सुरक्षा नीति का परिचायक है। यह न केवल सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ एक चेतावनी है, बल्कि दुनिया को यह संदेश भी देता है कि भारत अब रक्षात्मक नहीं, बल्कि निर्णायक कार्रवाई करने वाला राष्ट्र बन चुका है।