पंजाब नेशनल बैंक (PNB) घोटाले के मास्टरमाइंड नीरव मोदी की तरह अब उसके छोटे भाई नेहल मोदी भी जांच एजेंसियों के शिकंजे में हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) की ताजा कार्रवाई में यह खुलासा हुआ है कि नेहल ने न सिर्फ नीरव की मदद की, बल्कि सबूत मिटाने और संपत्ति इधर-उधर करने में भी उसकी सक्रिय भूमिका रही।
50 किलो सोना और 150 बॉक्स मोती
ईडी की जांच में सामने आया है कि नेहल मोदी ने भारत और दुबई से भारी मात्रा में ज्वैलरी, सोना और कीमती पत्थरों को हटा कर सुरक्षित ठिकानों पर पहुंचाया। इनमें करीब 50 किलो सोना और 150 बक्सों में भरे कीमती मोती शामिल थे। ये सारी चीजें नीरव मोदी की कंपनियों से जुड़ी थीं, जिन्हें जांच से बचाने के लिए छुपाया गया।
50 करोड़ की हीरे-जवाहरात की तस्करी
नेहल ने करीब 50 करोड़ रुपये की डायमंड ज्वैलरी को विदेश भेजने में भी मदद की। रिपोर्ट्स के अनुसार, इन गहनों को दुबई से हांगकांग और फिर न्यूयॉर्क में बेचने की कोशिश की गई। जांच एजेंसी ने इसे मनी लॉन्ड्रिंग का हिस्सा माना है, और इस कार्रवाई को “साक्ष्य मिटाने की सुनियोजित साजिश” बताया गया है।
कैसे फंसा नेहल मोदी?
नेहल ने यह सब अपने भाई नीरव के कहने पर किया। उसने नीरव की अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के ज़रिए ई-मेल और एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग एप्स के माध्यम से निर्देश प्राप्त किए। जांच एजेंसियों को उसके डिजिटल उपकरणों से कई अहम सबूत मिले हैं। अब नेहल पर सबूत नष्ट करने, आपराधिक साजिश रचने और संपत्ति छिपाने के आरोप लगे हैं।
इंटरपोल और वैश्विक पकड़
नेहल पर पहले से ही इंटरपोल का नोटिस जारी था और उसे बेल्जियम, यूएई और अमेरिका में पूछताछ का सामना करना पड़ा है। भारत की कोशिश है कि उसे प्रत्यर्पित कर लाया जाए ताकि PNB घोटाले की जड़ तक पहुंचा जा सके।