चंडीगढ़ में इस समय भीषण गर्मी का प्रकोप जारी है और इसका सीधा असर शहर की जीवनरेखा मानी जाने वाली सुखना झील पर भी साफ नजर आ रहा है। लगातार बढ़ते तापमान और मानसून से पहले वर्षा की कमी के चलते झील का जलस्तर तेजी से घट रहा है। स्थिति इतनी गंभीर हो चुकी है कि रेगुलेटरी एंड के पास झील में मिट्टी के टापू उभर आए हैं, जो दर्शाते हैं कि झील का पानी अब तेजी से सूख रहा है।
स्थानीय पर्यावरणविदों और विशेषज्ञों का कहना है कि इस वर्ष झील को भरने वाली प्रमुख जलधाराएं भी सूख गई हैं। सुखना चो और नाले जो झील में पानी लाते थे, अब लगभग निष्क्रिय हो चुके हैं। इसके पीछे एक बड़ा कारण यह भी है कि इस क्षेत्र में पिछले एक महीने से बारिश नहीं हुई है और तापमान लगातार 40 डिग्री सेल्सियस के आसपास बना हुआ है।
पर्यावरणीय संतुलन के लिए सुखना झील बेहद अहम मानी जाती है। यह न केवल पक्षियों और वन्य जीवों का आश्रय स्थल है, बल्कि शहर के लिए एक प्रमुख जल स्रोत और पर्यटन स्थल भी है। झील का जलस्तर यदि इसी तरह गिरता रहा, तो आने वाले समय में न केवल पर्यावरणीय संकट गहराएगा, बल्कि शहर की जल आपूर्ति पर भी असर पड़ सकता है।
आगे कैसा रहेगा मौसम?
मौसम विभाग के अनुसार आने वाले कुछ दिनों में राहत की उम्मीद कम ही है। पंजाब और हरियाणा क्षेत्र में लू चलने की संभावना बनी हुई है और आसमान साफ रहेगा। तापमान में और वृद्धि हो सकती है। हालांकि, मई के तीसरे सप्ताह में हल्की बारिश की संभावना जताई जा रही है, लेकिन उससे पहले किसी बड़ी राहत की उम्मीद नहीं की जा रही है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि मानसून समय पर नहीं आया, तो झील पूरी तरह सूख सकती है। प्रशासन को चाहिए कि पानी के संरक्षण के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं और झील को कृत्रिम रूप से पुनः भरने की योजना पर काम किया जाए।