भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद अब एक नई और महत्वपूर्ण सैन्य कार्रवाई की शुरुआत की है, जिसे ‘ऑपरेशन केलर’ नाम दिया गया है। यह ऑपरेशन मुख्यतः जम्मू-कश्मीर के संवेदनशील इलाकों में आतंकवाद के विरुद्ध चलाया जा रहा है और इसका उद्देश्य सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सेना ने कई आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया था और आतंकियों की गतिविधियों पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित किया गया था। इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए अब ‘ऑपरेशन केलर’ शुरू किया गया है, जो कहीं अधिक सटीक रणनीति और आधुनिक संसाधनों पर आधारित है।
सेना सूत्रों के अनुसार, इस नए अभियान का फोकस न केवल घुसपैठ रोकना है, बल्कि आतंकी नेटवर्क को जड़ से खत्म करना भी है। इसके तहत नियंत्रण रेखा (LoC) पर अतिरिक्त बलों की तैनाती की गई है और ड्रोन, थर्मल इमेजिंग जैसे हाई-टेक उपकरणों का इस्तेमाल बढ़ा दिया गया है। इस ऑपरेशन में विशेष बलों (Special Forces) को भी लगाया गया है, जो रात-दिन निगरानी और कार्रवाई में जुटे हैं।
‘ऑपरेशन केलर’ की खास बात यह है कि इसमें स्थानीय खुफिया एजेंसियों और पुलिस के साथ समन्वय को प्राथमिकता दी गई है, जिससे इनपुट्स पर तेजी से कार्रवाई की जा सके। साथ ही, उन इलाकों में भी ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं जो पहले कम संवेदनशील माने जाते थे, लेकिन अब वहां भी संदिग्ध गतिविधियों की आशंका जताई गई है।
जानकारों का मानना है कि पाकिस्तान की ओर से प्रायोजित आतंकी गुटों द्वारा घुसपैठ की साजिशें लगातार जारी हैं, ऐसे में भारतीय सेना का यह कदम समय की मांग है। ‘ऑपरेशन केलर’ जैसे मिशन आतंकवाद पर कड़ा संदेश देने के साथ-साथ क्षेत्र में स्थायित्व और विश्वास बहाल करने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।