हाल ही में पाकिस्तान की ओर से लगातार हो रही उकसावे वाली कार्रवाइयों के जवाब में भारतीय सेना द्वारा की गई सटीक और तीव्र सैन्य कार्रवाई के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित किया। अपने भाषण में उन्होंने न केवल देश की सुरक्षा नीति को स्पष्ट किया, बल्कि चार बड़े संदेश देकर भारत की मजबूत विदेश नीति, राष्ट्रीय संप्रभुता और सुरक्षा प्रतिबद्धता का दोहराव भी किया।
1. देश की संप्रभुता से कोई समझौता नहीं:
प्रधानमंत्री मोदी ने साफ किया कि भारत अपनी सीमाओं और संप्रभुता पर कोई समझौता नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि अगर कोई देश भारत की अखंडता को चुनौती देता है, तो उसे उसका करारा जवाब मिलेगा। यह संदेश सीधे तौर पर पाकिस्तान को चेतावनी था कि भारत अब रक्षात्मक नहीं, बल्कि निर्णायक रुख अपनाएगा।
2. सेना पर पूरा विश्वास:
प्रधानमंत्री ने भारतीय सेना की सराहना करते हुए कहा कि देश को अपनी सेनाओं की क्षमता और बहादुरी पर पूर्ण विश्वास है। उन्होंने सेना की त्वरित कार्रवाई की प्रशंसा की और कहा कि यह मिशन पूरी तरह योजनाबद्ध, सटीक और प्रभावी था।
3. अंतरराष्ट्रीय समुदाय को संदेश:
मोदी ने अपने भाषण में यह भी स्पष्ट किया कि भारत शांति चाहता है, लेकिन कमजोरी नहीं दिखाएगा। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह संदेश दिया कि भारत आत्मरक्षा में उठाए गए कदमों को लेकर पूरी तरह वैध और तर्कसंगत है। यह वक्तव्य भारत की कूटनीतिक स्थिति को मजबूती प्रदान करता है।
4. देशवासियों से एकजुटता की अपील:
प्रधानमंत्री ने देशवासियों से अपील की कि वे अफवाहों से बचें और देश की सुरक्षा एजेंसियों पर भरोसा रखें। उन्होंने कहा कि इस समय पूरा देश एकजुट होकर सैनिकों का मनोबल बढ़ाए और देश की एकता को बनाए रखे।
प्रधानमंत्री का यह भाषण न केवल राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण था, बल्कि इससे यह भी स्पष्ट हुआ कि भारत अब हर मोर्चे पर सशक्त और निर्णायक भूमिका में है। यह देश की आंतरिक एकता और बाहरी सुरक्षा के लिए एक स्पष्ट संदेश था।