बलूचिस्तान में पाकिस्तान से स्वतंत्रता की मांग एक नई ऊँचाई पर पहुँच गई है। 14 मई 2025 को, बलूच नेता मीर यार बलूच ने सार्वजनिक रूप से बलूचिस्तान की स्वतंत्रता की घोषणा की और इसे पाकिस्तान का हिस्सा न मानने की बात की। उन्होंने पाकिस्तान पर दशकों से हवाई बमबारी, जबरन गायबियाँ और नरसंहार जैसे आरोप लगाए, जो बलूचिस्तान के लोगों के खिलाफ किए गए हैं।
मीर यार बलूच ने भारतीय मीडिया से अपील की कि वे बलूचों को "पाकिस्तान के अपने लोग" के रूप में संदर्भित न करें, ताकि उनकी अलग पहचान को सम्मानित किया जा सके। उन्होंने भारत से समर्थन की भी मांग की, जिसमें संयुक्त राष्ट्र में बलूचिस्तान की स्वतंत्रता की मान्यता और भारत में बलूच दूतावास की स्थापना शामिल है।
इस घोषणा के बाद, बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) ने 'ऑपरेशन हीरोफ 2.0' के तहत पाकिस्तान की सैन्य और सुरक्षा प्रतिष्ठानों पर 78 समन्वित हमले किए, जिनमें सात हमले 24 घंटों के भीतर हुए। इन कार्रवाइयों ने पाकिस्तान के खिलाफ बलूचिस्तान के प्रतिरोध को और मजबूत किया है।
हालांकि, किसी भी देश या प्रमुख अंतरराष्ट्रीय संगठन ने अभी तक बलूचिस्तान गणराज्य की स्वतंत्रता की आधिकारिक मान्यता नहीं दी है, लेकिन यह घटनाक्रम दक्षिण एशिया में भू-राजनीतिक परिदृश्य में महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत देता है। बलूच नेता मीर यार बलूच की घोषणा और BLA की सैन्य कार्रवाइयाँ पाकिस्तान के लिए एक गंभीर चुनौती प्रस्तुत करती हैं।यह घटनाक्रम दर्शाता है कि बलूचिस्तान की स्वतंत्रता की मांग अब केवल एक क्षेत्रीय मुद्दा नहीं रही, बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय ध्यान और समर्थन की आवश्यकता बन गई है।