सिक्किम में बीते कुछ दिनों से जारी भारी बारिश और भूस्खलन ने राज्य को बुरी तरह प्रभावित किया है। सबसे अधिक असर नॉर्थ सिक्किम के इलाकों—चुंगथांग, लाचेन, लाचुंग और आसपास के पर्यटक स्थलों पर पड़ा है, जहाँ हजारों सैलानी अचानक आई आपदा में फंस गए थे। अब तक भारतीय सेना, NDRF और राज्य प्रशासन के संयुक्त रेस्क्यू अभियान में 1678 पर्यटकों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है, लेकिन 100 से अधिक लोग अभी भी दुर्गम इलाकों में फंसे हुए हैं।
इस भीषण आपदा में अब तक भारतीय सेना के तीन जवानों की मौत हो चुकी है, जबकि छह जवान लापता हैं। सेना और स्थानीय प्रशासन द्वारा लगातार खोजबीन की जा रही है, लेकिन मौसम की मार और रास्तों की खराब हालत राहत कार्यों में बड़ी बाधा बन रही है।
सिक्किम के कई हिस्सों में सड़कें टूट चुकी हैं, संचार प्रणाली ठप है और बिजली आपूर्ति भी बाधित हुई है। राज्य सरकार ने प्रभावित क्षेत्रों में हेलिकॉप्टर से राहत सामग्री पहुंचाने और फंसे लोगों को एयरलिफ्ट करने का फैसला लिया है।
राज्य के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने हालात का जायजा लेते हुए केंद्र सरकार से अतिरिक्त मदद की अपील की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस आपदा को लेकर चिंता जताई है और स्थिति पर नजर बनाए रखने के निर्देश दिए हैं।
पर्यटन मंत्रालय ने फिलहाल उत्तर सिक्किम की सभी यात्राएं स्थगित करने की सलाह दी है। मानसून की शुरुआत से पहले इस तरह की आपदा ने न केवल पर्यटकों बल्कि स्थानीय लोगों की भी मुश्किलें बढ़ा दी हैं।